News UP 24x7

RNI No:- UP56D0024359

Breaking

Your Ads Here

Wednesday, September 11, 2019

बीएड प्रैक्‍टिकल कराएंगे निजी कॉलेजों के शिक्षक


न्यूज़ यूपी 24X7 |मेरठ| चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने मेरठ-सहारनपुर मंडल के बीएड प्रैक्टिकल में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षक बनाने की हरी झंडी दे दी है। कॉलेजों में नियमित तौर पर 10 वर्षों से पढ़ाने वाले शिक्षक ही बीएड प्रैक्टिकल में परीक्षक बन सकेंगे। विवि के इस फैसले से बीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में केवल एडेड-राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों से ही प्रैक्टिकल कराने की निर्भरता खत्म हो जाएगी। विवि ने वर्ष 2012 में भी यही प्रयोग करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला हाईकोर्ट चला गया।

कुलपति प्रो.एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति बैठक में विवि ने यह फैसला लिया। विवि में अभी तक केवल एडेड-राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को ही प्रैक्टिकल में जाने की छूट है लेकिन बीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में करीब 80 हजार छात्र-छात्राओं के प्रैक्टिकल कराने में नियमित शिक्षकों से काम नहीं चल रहा। ऐसे में विवि ने निजी कॉलेजों के शिक्षकों से प्रैक्टिकल कराने को हरी झंडी दे दी है। विवि के अनुसार निजी कॉलेजों में जो शिक्षक दस वर्ष से नियमित रूप से पढ़ा रहे हैं और अनुमोदित हैं, वे अब बीएड प्रैक्टिकल करा सकेंगे। विवि ऐसे समस्त शिक्षकों की सूची तैयार करते हुए बोर्ड ऑफ स्टडीज (बीओएस) से अनुमोदित कराएगा। विवि ने वीएमएलजी कॉलेज गाजियाबाद में बीए प्रथम वर्ष में पेपर कोड ए-009 का रिजल्ट दोबारा जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। इस कॉलेज के रिजल्ट में गलत उत्तर कुंजी से रिजल्ट जारी हो गया था। बैठक में प्रोवीसी प्रो.वाई विमला, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक अश्वनी कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ.जितेंद्र ढाका, डीन लॉ राजेश गर्ग, प्रो.जयमाला, डीन एजुकेशन डॉ.जगवीर भारद्वाज, डीन साइंस प्रो.राकेश कुमार, डीन मेडिकल डॉ.आरसी गुप्ता एवं डॉ.सीमा जैन मौजूद रहीं।

फैसले को लागू कराना होगा असली चुनौती
मेरठ। केवल एडेड-राजकीय कॉलेजों के चुनिंदा शिक्षकों से ही 80 हजार छात्रों के प्रैक्टिकल कराने की बाध्यता से मुक्ति के लिए विवि द्वारा लिया गया फैसला लागू करना असली चुनौती होगा। वर्ष 2012 में तत्कालीन कुलपति ने भी निजी कॉलेजों के शिक्षकों को प्रैक्टिकल में परीक्षक बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन मामला हाईकोर्ट चला गया। महीनों विवाद चलने के बाद विवि को एडेड-राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों से ही प्रैक्टिकल कराने पड़े। ऐसे में इस वर्ष फिर से लिए गए इस फैसले को लागू करना असली चुनौती होगा। यह निर्णय इसी वर्ष से लागू होगा।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here