- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस पर "मैं भी हूं कलाम" श्रंखला का हुआ शुभारंभ
- कोरोना एवं भविष्य की चुनौतियों से लड़ने के लिए "मैं भी हूं कलाम" श्रंखला का आयोजन
- बच्चो में रचनात्मकता एवं नवाचार के प्रति अभिरुचि विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध- डॉ मन्नान अख्तर
मेरठ। भारत देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर छात्र-छात्राओं में नयी खोज करने की क्षमता को परखने के लिए एमआईईटी द्वारा बाल सृजनात्मकता एवं नवप्रवर्तन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र एमआईईटी द्वारा "मैं भी हूं कलाम" वेबीनार श्रंखला का शुभारंभ भी हुआ। जिसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता एवं नवाचार के प्रति अभिरुचि विकसित करना है। कार्यक्रम की शुरुआत जनपद जालौन से की गयी। जिसमें जनपद जालौन और मेरठ के शिक्षक, विद्यार्थी तथा 1500 से अधिक नव प्रवर्तक ऑनलाइन सम्मिलित हुए।
इसी दौरान कोरोना महामारी के अंतर्गत सरकारी नियमों का पालन करते हुए जनपद जालौन के जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर, जिला विद्यालय निरीक्षक भागवत पटेल और विभिन्न अधिकारियों ने "मैं भी हूं कलाम" वेबिनार सीरीज का उद्घाटन किया गया। इसी दौरान एमआईईटी ग्रुप के चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग और कार्यक्रम के संयोजक मुख्य नवप्रवर्तन अधिकारी संदीप द्विवेदी भी ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुए।
जालौन के जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने कहा की जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है और आने वाले समय में हमें और चुनौतियों से लड़ना होगा। इसलिए अभी से छात्र-छात्राएं इनोवेशन मैं योगदान देकर भारत का भविष्य और उज्जवल बना सकते हैं। बच्चो में रचनात्मकता एवं नवाचार के प्रति अभिरुचि विकसित करने के हम पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट वक्ता एवं साइनटून के जनक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रदीप श्रीवास्तव ने जालौन जनपद के विभिन्न शिक्षक एवं विद्यार्थियों को प्रकृति से नवाचार करने की प्रेरणा प्रदान करते हुए लोगों को जैव प्रेरित इंजीनियरिंग के बारे में अवगत कराया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को नवाचार करने की प्रेरणा प्रदान की एवं शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों से नवाचार में अभिरुचि करने की सलाह दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय नवप्रवर्तन पुरस्कार से सम्मानित बाल शक्ति मास्टर पार्थ बंसल ने लोगों को अपने नवाचार के बारे में बताया तथा उन्हें आगे नवाचार करने की प्रेरणा प्रदान की।
कार्यक्रम संयोजक मुख्य नवप्रवर्तन अधिकारी संदीप द्विवेदी ने सभी नवप्रवर्तन शिक्षकों, विद्यार्थियों को अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र से जुड़कर अपने नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया की कार्यक्रम एक वेबीनार सीरीज के रूप में 15 अक्टूबर 2020 से लगातार 28 फरवरी 2021 तक श्रंखला के रूप में आयोजित किया जाएगा। जिसमें विभिन्न वेबिनार के माध्यम से अलग-अलग जनपदों के विद्यालयों को जोड़ा जाएगा तथा उन्हें नवाचार एवं नवप्रवर्तन के बारे में जागरूक किया जाएगा।
एमआईईटी कॉलेज के निदेशक डॉ मयंक गर्ग ने कहा छात्रों में नवप्रवर्तन और सृजनात्मकता के गुर पैदा करने के लिए "मैं भी हूं कलाम" वेबीनार श्रंखला आयोजित किया गया है। जिसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता एवं नवाचार के प्रति अभिरुचि विकसित करना है। किसी भी देश के बच्चे उस देश का भविष्य होता है। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक जिला विद्यालय निरीक्षक जालौन भागवत पटेल,सह-संयोजक के रूप में जिला विज्ञान क्लब जालौन के समन्वयक डॉ विनय कुमार गुप्ता तथा इनोवेसन सेल एमआईईटी के डा.शाशवत पाठक,अजय चौधरी. विश्वास गौतम आदि मौजूद रहे।


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