न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी| चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के हिंदी विभाग और वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन वेबगोष्ठी/कार्यशाला के तीसरे दिन समापन सत्र में ‘भाषा विज्ञान की शब्दावली’ सत्र का आयोजन किया गया।
ऑनलाइन वेबगोष्ठी/कार्यशाला में ‘भाषा विज्ञान की शब्दावली’ सत्र की अध्यक्षता प्रो॰ वाई विमला, मा॰ प्रति कुलपति जी ने की। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि प्रो॰ अवनीश कुमार, अध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, नई दिल्ली, विशिष्ट वक्ता - प्रो॰ नरेश मिश्र, पूर्व अध्यक्ष, हिंदी विभाग,केंद्रीय विश्वविद्यालय, हरियाणा, प्रो॰ हेमंत जोशी, पूर्व आचार्य, आई॰आई॰एम॰सी॰, जे॰एन॰यू॰ परिसर, नई दिल्ली, श्री अनिल जोशी, उपाध्यक्ष, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा, प्रो॰ अनुपम श्रीवास्तव, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा तथा प्रो॰ एन॰ के॰ तनेजा, मा॰ कुलपति, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी, अध्यक्ष हिंदी विभाग शामिल रहे।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति ने कहा कि भारत की संस्कृति और सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है भारत की भाषा संस्कृत ही विश्व की सभी भाषाओं की जननी है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकारोक्ति की गई है कि शिक्षा का माध्यम मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा हो।
प्रो॰ वाई विमला मा॰ प्रति कुलपति ने समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विज्ञान तर्क पर आधारित होता है। तदभव शब्दों का प्रयोग भी उतना ही होता है जितना तत्सम शब्दों का होता है। तत्सम शब्द हम शुरू से ही पढ़ते आए हैं। एक ही शब्द को हम कई रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
हिंदी विभाग के अध्यक्ष एवं कला संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी ने वेबगोष्ठी/कार्यशाला के तीसरे दिन समापन सत्र में सभी अतिथियों, वक्ताओं, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अधिकारियों, विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि भाषा विज्ञान और शब्दावली का ज्ञान हम सभी तक पहुँचा। हमारा उद्देश्य है कि ऐसी शब्दावली का निर्माण करें जो जन सामान्य के लिए सर्वसुलभ हो।
वेबगोष्ठी/कार्यशाला का संचालन डाॅ॰ अंजू, शिक्षण सहायक ने किया। वेबगोष्ठी/कार्यशाला में हिंदी विभाग के डाॅ॰ विद्यासागर सिंह, डाॅ॰ यज्ञेश कुमार, डाॅ॰ प्रवीण कटारिया, आयोग से जय सिंह रावत, शहजाद, अशमद अंसारी, श्रीमती विनोदिनी तथा हिंदी विभाग के छात्र मोहनी कुमार, ममता, सौम्या पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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