- वेंक्टेश्वरा में देश की समद्धि एवं शान्ति की कामना के साथ धूमधाम से मनाया लौहड़ी का पर्व
- सुन्दर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भटृ वाला हो..... समेत विभिन्न पंजाबी एवं फिल्मी गानों की धुनों के साथ ढोल नगाड़ो की थाप पर थिरके संस्थान के छात्र-छात्राऐं
- सुख, समृद्धि एवं शान्ति भाईचारे का सबसे पर्व है लोहडी- डॉ सुधीर गिरि, चेयरमैन, वेंक्टेश्वरा समूह
- इतनी विभिन्नताए होने के बाद भी पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का कोई सानी नहीं- डॉ राजीव त्यागी
न्यूज़ यूपी 24x7 |मेरठ | संपादक अजय चौधरी |
मेरठ। उत्तर भारत के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक लौहडी के पावन अवसर पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में धूमधाम से लौहड़ी पर्व मनाया गया। प्रबन्धन/स्टॉफ एवं छात्र-छात्राओ ने अग्नि शिखा/अलाव की परिक्रमा करते हुए सभी देशवासियों के अच्छे स्वास्थय सुख, समृद्धि एवं शान्ति की मंगलकामनाऐ करते हुए ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया।
वेंक्टेश्वरा संस्थान के ध्यानचन्द खेल परिसर में आयोजित लौहड़ी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि एवं प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलिकरते हुए अग्नि शिखा की कई परिक्रमा करते हुए लौहड़ी की प्रार्थना सुन्दर मुन्दरिये हो, तैरा कौन विचारा हो के साथ की। वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि ने सभी को लौहड़ी की शुभकामनाऐ देते हुए इसको सर्वधर्म का त्यौहार बताया। उन्होने कहा कि लौहड़ी का किसी विशेष धर्म/सम्प्रदाय से कोईत करके किया। इसके बाद सभी ने गुड, पके चावल, तिल, मक्का के दाने, गजक अग्नि को अर्पित लेना देना नहीं है। यह देशवासियों की सुख समृद्धि एवं शान्ति के लिए मनाया जाता है।
प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने कहा कि हमारे देश में इतने धर्म, जातियां, भाषाऐं होने के बाद भी हमारे उच्च संस्कारो, नैतिक मूल्यों एवं समृद्ध संस्कृति का लोहा पूरा विश्व मानता है। लौहड़ी प्रत्येक देशवासी के अच्छे स्वास्थ समृद्धि एवं शान्ति की मंगलकामना के लिए है। इसके बाद छात्र-छात्राओ ने ढोल एवं डी0जे की थाप पर ’’दिल करे मै तो भांगडे विच तेरे नाल नाँचा’’ एवं ’’ढोल जगीरो दा’’, ’’सावन में लग गयी आग ’’जैसे पंजाबी गानो पर जमकर गिद्दा एवं भांगडा किया।




No comments:
Post a Comment