न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी|
मेरठ। मेरठ बाईपास एन एच 58 स्थित मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का विषय "मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अग्रिम अनुसंधान एवं नवाचार" रहा।
अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सलाहकार एवं वैज्ञानिक डॉ संजय मिश्रा, विशिष्ट अतिथि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साइंटिस्ट डॉ संजय कुमार वार्ष्णेय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ एमके पटेरिया, सम्मानित अतिथि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन इंजीनियर प्रदीप चतुर्वेदी, आईआईटी दिल्ली से प्रोफेसर आरके पांडे, एमआईईटी के चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, कांफ्रेंस के आयोजक डॉ भूपेंद्र चौहान, मीनाक्षी सिंह, डॉ स्वपन सुमन, डॉ रजनीश कुमार सिंह, डॉ पूनम रानी, छात्र राजेश कुमार ने किया। मुख्य अतिथि डॉ संजय मिश्रा ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों को रिसर्च में कार्य करना होगा। डॉ मिश्रा ने शिक्षकों और छात्रों को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में किस प्रकार से अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने हैं, इसके बारे में विस्तार से बताया। प्रदीप चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में संभावनाएं बढ़ी हैं। औद्योगिक क्रांति 4.0 मैं तेजी आई है। छात्रों और शिक्षकों को अब संचालन पर विशेष ध्यान देना होगा क्योंकि मैकेनिकल इंजीनियरिंग का भविष्य अब स्वचालन पर ही निर्भर होगा।
विशिष्ट सम्मानित अतिथि संजीव कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए विशेष शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम और कोर्स शुरू किए गए है। पत्रकारों के लिए अब टेक्निकल चीजों को समझना आसान हो जाएगा क्योंकि पत्रकार नॉन-टेक्निकल बैकग्राउंड से होते हैं, इस वजह से विज्ञान को वह अच्छे से नहीं समझ पाते हैं। इसी चीज को दूर करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए विशेष कोर्स शुरू किए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के आयोजक डॉ भूपेंद्र चौहान ने बताया की इस सम्मेलन में 150 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पेपर हमारे पास आए हैं, जिनमें से हमने 115 पेपर का चयन किया है। रिसर्च पेपर जर्नल ऑफ़ इंजीनियरिंग रिसर्च कुवेत, एससीआईई, ईएससीआई और गूगल स्कॉलर आईजेएआरआई जर्नल में प्रकाशित होंगे।


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