संकल्प केयर फाउंडेशन" ने पशु-पक्षियों के पानी की व्यवस्था को चलाया अभियान
मेरठ। गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है, मनुष्य को प्यास लगती है तो वह कहीं भी मांग कर पी लेता है, लेकिन मूक पशु पक्षियों को प्यास में तड़पना पड़ता है, हालांकि जब वे प्यासे होते हैं तो घरों के सामने दरवाजे पर आकर खड़े हो जाते हैं। कुछ लोग पानी पिला देते हैं तो कुछ लोग भगा भी देते है। गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। इस गर्मी में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए "संकल्प केयर फाउंडेशन" ने सराहनीय प्रयास किया है।
संकल्प केयर फाउंडेशन द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए गर्मी में प्यास से व्याकुल पशु पक्षियों के लिए साफ पानी रखने हेतु "वाटर बाउल डिसटीब्यूशन" अभियान की शुरुआत की है। इस दौरान एनजीओ के वॉलिंटियर्स द्वारा मिट्टी के बर्तन निशुल्क वितरित किए।
पक्षियों के लिए 100 मिट्टी के बर्तन एवं पशुओं के लिए 50 सीमेंट के बड़े पॉट विभिन्न स्थानों पर रखे गए। इन सभी पॉट और मिट्टी के बर्तनों की जिम्मेदारी एनजीओ के वॉलिंटियर्स ने उठाई है, जो समय समय पर जाकर उन में पानी की व्यवस्था और साफ सफाई का ध्यान रखेंगे।
संकल्प केयर फाउंडेशन एनजीओ की फाउंडर सविता प्रजापति ने बताया कि यह सभी पॉट और मिट्टी के के बर्तन निशुल्क वितरित किए गए हैं और हमारा उद्देश्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर जिले मे अधिक से अधिक मिट्टी के बर्तन एवं पशुओं के लिए पॉट व्यवस्था करने का है। उन्होंने कहा की सभी लोगो को अपने घरों के बाहर पानी के बर्तन भरकर टांगें, या बड़ा बर्तन अथवा कोटना पानी भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित होते हैं। छत में भी पानी की व्यवस्था करें, छायादार जगह बनाकर वहां पानी के बर्तन भर कर रखें। पक्षियों के लिए चना, चावल, ज्वार, गेंहूं आदि जो भी घर में उपलब्ध हो उस चारे की व्यवस्था छतों में करें। कम पानी वाले जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हो सकती है। इस दौरान फाउंडर सविता प्रजापति, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर मंजू जैन, वंदना और एनजीओ के सदस्य मौजूद रहे।

No comments:
Post a Comment