बरेली। कुछ दिनों से राज्य में पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई कानून भी नहीं है, महोदय को कुछ बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपा जा रहा है भरोसा है कि हमारी मांगों को पूरा किया जाएगा। राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं। पत्रकारों पर मुकदमा लिखे जाने से पहले मंडलायुक्त से अनुमति लिया जाना अनिवार्य किया जाए।
बिजनौर जिले के नजीबाबाद थाने की पुलिस का पत्रकारों के प्रति नजरिया ठीक नहीं चल रहा है, एक मनगढ़ंत कहानी के तहत पत्रकार हाशिम अहमद पर मुकदमा लिख दिया गया है जबकि आम जनता और पुलिस के अन्य लोग भी वास्तविकता से वाकिफ हैं। नजीबाबाद पुलिस द्वारा ही एक अन्य पत्रकार शाही अराफात सैफी पर जुआरियों का वीडियो बनाते समय पैसा मांगने का आरोप लगा कर जेल भेज दिया गया।
बिजनौर जनपद में ही स्योहारा और दुसरे थानों में पुलिस द्वारा पत्रकार उत्पीड़न किया गया है, पीड़ित पत्रकारों को न्याय दिलाया जाय। नजीबाबाद (बिजनौर) थाना प्रभारी द्वारा पत्रकारों से आए दिन दुर्व्यवहार किया जाता है इसलिए संगठन इन के स्थानांतरण की मांग करते हुए इनके क्रियाकलापों की जांच कर कार्रवाई की भी मांग करता है। प्रदेश भर के पत्रकारों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाए। राज्य में पत्रकारों का टोल टैक्स फ्री किया जाए। प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर एक प्रेस क्लब भवन का निर्माण कराया जाए।
पत्रकारों के प्रति सहानुभूति रखते हुए मांग पूरी की जाए। निवेदक --प्रदेश सचिव नीरज रस्तोगी, जिला अध्यक्ष सत्यम शर्मा जिला उपाध्यक्ष सौरभ गुप्ता, महामंत्री पुरषोत्तम सैनी, संगठन मंत्री वीरेन्द्र कुमार, शशांक शर्मा,तक़ी रजा, मोहित माहेश्वरी आदि पत्रकार मौजूद रहे।
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