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Monday, December 20, 2021

कंप्यूटिंग और भविष्य संचार प्रौद्योगिकियों में प्रगति पर देश के पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एमआईईटी में संपन्न



मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) में आईईईई-यूपी सेक्शन के तकनीकी समर्थन द्वारा हाइब्रिड मोड में दो दिवसीय "कंप्यूटिंग और भविष्य संचार प्रौद्योगिकियों में प्रगति" पर देश के पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि कर्नल बी वेंकट निदेशक एआईसीटीई, डॉ श्रीनिवास सिंह प्रोफेसर आईआईटी कानपुर, डॉ सतीश कुमार सिंह चेयरमैन आईईईई-यूपी सेक्शन, डॉ सुबोध वरिया डीन एकेटीयू लखनऊ, डॉ आशीष कुमार सिंह प्रोफेसर एमएनएनआईटी इलाहाबाद, डॉ आर एन साहू मुख्य वैज्ञानिक डिवीज़न ऑफ़ एग्रीकल्चरल फिजिक्स आईएआरआई नई दिल्ली, डॉ बीएस त्रिपाठी प्रोफेसर एमएनएनआईटी इलाहाबाद, डॉ जेपी साहू प्रोफेसर एमएनएनआईटी इलाहाबाद, रामानंद .आर फर्स्ट मिशन डायरेक्टर नीति आयोग, डॉ मुथु सिंगराम सीईओ एचटीआईसी आईआईटी मद्रास, डॉ संदीप अग्रवाल बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर टीसीएस उपस्थित रहे। एमआईईटी ग्रुप के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मिलित सभी अतिथियों का स्वागत किया।



एमआईईटी के डायरेक्टर डॉ अरुण पर्वरते ने कहा इंटरनेट ऑफ थिंग्स वास्तव में डिवाइसों का जोड़ है, जो इंटरनेट के संपर्क में रहकर संवाद करते हैं। डिवाइस सहजता से डाटा साझा करते हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इस सेक्टर में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। इंटरनेट और मोबाइल ने दैनिक जीवन के कार्यों को सुगम बना दिया है।

मुख्य अतिथि कर्नल बी वेंकट, निदेशक एफडीसी, एआईसीटीई, नई दिल्ली ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए नई शिक्षा नीति के साथ जाना महत्वपूर्ण है।



आईईईई-यूपी सेक्शन के चेयरमैन डॉ सतीश कुमार सिंह ने कहा की आईईईई सोसाइटी देश के तकनीकी, शैक्षणिक और औद्योगिक विकास के लिए अपनी सार्थक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। आईईईई के साथ शिक्षक जुड़कर अपने तकनीकी ज्ञान एवं क्षमताओं का क्षेत्र बढ़ा सकते हैं।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य आयोजक डॉ सारस्वत पाठक, डॉ विमल कुमार, डॉ गरिमा अग्रवाल, डॉ प्रियंका गर्ग का महत्वपूर्ण योगदान रहा।


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