न्यूज़ यूपी 24X7 |मेरठ| पराग दुग्ध संघ मेरठ में 13 साल पहले हुए 18 लाख रुपये के घोटाले में पुलिस की आर्थिक अपराध एवं अनुसंधान शाखा ने सोमवार को कई जगह दबिश दी। सभी आरोपी मौके से फरार पाए गए।
वर्ष 2003-04 में परतापुर स्थित पराग डेयरी में यह घोटाला सामने आया था। डेयरियों से पराग को दूध आपूर्ति की मात्रा ज्यादा दिखाकर चूना लगाया गया। तत्कालीन प्रबंधक विजय कृष्ण तिवारी ने परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। शासन के निर्देश पर वर्ष 2008 में इसकी जांच ईओडब्लू मेरठ सेक्टर को ट्रांसफर हुई। ईओडब्लू की जांच में यह घोटाला 18 लाख रुपये का निकला। इसमें 32 आरोपी पाए गए, जिनमें 11 लोग पराग के स्थायी कर्मचारी थे। जांच में खुद वादी विजय कृष्ण तिवारी भी दोषी पाए गए थे। इस प्रकरण में चार आरोपी जेल जा चुके हैं। तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 आरोपी फरार हैं।
सोमवार को ईओडब्लू इंस्पेक्टर धर्मेश कुमार और मोहम्मद यूसुफ ने टीम के साथ जागृति विहार और पराग डेयरी कैंपस में दबिश दी। जागृति विहार में रहने वाले सभी आठ आरोपी अपने घरों से फरार पाए गए। इसी तरह पराग कैंपस में भी कोई अभियुक्त नहीं मिला। ईओडब्लू एसपी डॉ. रामसुरेश यादव ने बताया कि सभी आरोपियों के घर एक सप्ताह में पेश होने का नोटिस तामील करा दिया है। इसके बाद अन्य कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ, कानपुर में रहने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें भेजी जा रही हैं।

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