न्यूज़ यूपी 24x7।मेरठ।
- अपने ऊपर हुए मुकदमे में फैसले का दबाब बनाने को लेकर तथाकथित पत्रकारों ने एक युवती से महिला पत्रकार सहित अन्य लोगों के खिलाफ़ तथाकथित पत्रकारों ने दिलवाई एससी एसटी का फर्जी मामला बनवाकर थाने में दिलवाई तहरीर
न्यूज़ यूपी 24x7।मेरठ। संपादक अजय चौधरी।  दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ में  दैनिक पवन बेग समाचार पत्र से पत्रकारिता कर रही एक महिला का है,जिनको 23 मई  दोपहर को सूचना मिली थी कि पुलिस के द्वारा अवैध गुटखे और तंबाकू के ट्रक को थाना गांधीपार्क के अंतर्गत पकड़ा गया है,जिसकी सूचना पर महिला पत्रकार ओर उनके कुछ साथी खबर संकलन के लिए ट्रक के पास जाकर फोटो खींचकर वीडियो  बनाने लगे तो वहीं तीन तथा कथित पत्रकार वहां पहले से ही मौजूद थे, जो कि ट्रक को अपने रिश्तेदार का ट्रक बताकर पुलिस पर दबाब बना रहे थे लेकिन गांधी पार्क थाने की  पुलिस के द्वारा अपनी स्वच्छ कार्यशैली  का परिचय देते हुए,तथा कथित पत्रकारों की एक ना सुनी,तो वहीं मौके पर मौजूद महिला पत्रकार के द्वारा ट्रक के वीडियो बनाने चाहे तो तीनों तथाकथित पत्रकारों के द्वारा महिला पत्रकार के साथ अभद्रता करते हुए, खींचतान की गई और छेड़खानी जैसी वारदात को अंजाम दिया गया,जब महिला पत्रकार के द्वारा उक्त तथाकथित पत्रकारों का विरोध किया गया तो उनके द्वारा महिला से अपशब्दों का प्रयोग किया गया और जानसे मारने की धमकी दी गई,तो वहीं मौके पर पहुचीं पुलिस ने एक महिला से हो रही अभद्रता को देखा तो जनता की रक्षक पुलिस का गुस्सा फूंट पड़ा मौके पर मौजूद दरोगा ने तथाकथित पत्रकारों को जमकर खरी खोटी सुनाई दरोगा के द्वारा कहा गया महिला के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं कि जाएगी यही कारण है,महिला की जान बच गई,तो वहीं पुलिस के द्वारा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी तथाकथित पत्रकारों के खिलाफ़ मुकदमा पंजिकृत कर लिया है,
वीडियो हुआ वायरल
अगर बात आरोपी तथा कथित पत्रकारों की जालसाजी की  कही जाए तो चन्द घण्टों बाद ही महिला पत्रकार और उनके साथी पत्रकारों के खिलाफ सडयंत्र रचकर एक युवती को आगे लाकर  खड़ा कर दिया ,साथ ही युवती ने चन्द पैसों के लालच में आकर महिला पत्रकार और उनके साथियों के झिलाफ़ एससी एसटी एक्ट का गलत उपयोग करते हुए षड्यंत्र रच डाला और महिला पत्रकार और उनके साथियों के खिलाफ थाने में तहरीर भी दे डाली,
लेकिन आपको युवती द्वारा दी गई एससी एसटी की तहरीर से पहले की बातों के कुछ अंश भी बतादें, जिस युवती के द्वारा एससी एसटी की तहरीर महिला पत्रकार के खिलाफ थाने में दी गई है, उस युवती की तश्वीर भी उस वीडियो में कैद हो चुकी है जिसमे तथाकथित पत्रकार महिला से बद सलूकी कर रहे है,उस समय यह युवती उन तथाकथित पत्रकारों के साथ मौजूद थी, इसका साफ और सीधा मतलब है ये युवती इन तथाकथित पत्रकारों की ही साथी है,
एससी एसटी की तहरीर देने वाली युवती के द्वारा ही तथाकथित पत्रकारों में से एक युवक का नाम निकलवाने की बात कही थी लेकिन जब महिला पत्रकार ने मना किया तो इस युवती को ये बात नागवार गुजरी यही कारण है युवती के द्वारा आज मनगढ़ंत एससी एसटी की झूठी तहरीर थाना गांधी में तो देदी,
 लेकिन इस युवती को ये नहीं पता था महिला पत्रकार के द्वारा अपने ऊपर झूठे मुकदमे होने की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से पहले ही करदी थी, महिला पत्रकार के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अपने ऊपर हुए हमले और छेड़छाड़ की शिकायत के साथ साथ तथाकथित पत्रकारों के द्वारा फर्जी मुकदमे की आशंका की खबर पुलिस अधीक्षक को देदी थी तो वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा पीड़ित पत्रकार महिला को मदद का अस्वासन भी दिया गया था
साथ ही इस मामले की खबर जैसे ही अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह को चली तो उनके द्वारा पीड़ित महिला पत्रकार को न्याय दिलवाने के लिए किसी भी हद तक जाने की बात कही,
महिला पत्रकार के ऊपर हुए हमले की शिकायत उत्तर प्रदेश के डीजीपी के साथ साथ एससी एसटी वर्ग की अध्यक्ष से इस मामले पर हस्तक्षेप करने की बात कही है जिससे कोई भी एससी एसटी का दुरपयोग ना करसके और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाये,साथ ही महिला पत्रकार पर तथाकथित पत्रकारों के द्वारा किये  गए  हमले की कड़े शब्दों में में निंदा की है साथ ही अगर पीड़ित महिला पत्रकार के खिलाफ कोई भी कार्यवाही अमल में लाई गई तो अखिल भारतीय  पत्रकार सुरक्षा समिति लॉक डाउन को तोड़कर अनशन पर बैठेगी,जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी,
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, निम्नलिखित मांग करती है,
1--  आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो
2--महिला पत्रकार को फंसाने वाली युवती को भी सडयंत्र रचने के जुर्म में गिरफ्तार किया जाए।
3--पूरे प्रकरण की जांच उच्च लेविल के अधिकारी से करवाई जाए
 





 
 
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