- वेंक्टेश्वरा में अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस पर राष्ट्रीय वेबीनार
- देरी से मिले न्याय का कोई औचित्य नहीं- जस्टिस अविनाश सक्सेना, विशेष जज भष्ट्राचार निरोधक कोर्ट
- जघन्य अपराधो की पुनरावृति को रोकने एवं क्राईम कन्ट्रोल के लिए अभी ओर इन्फ्राॅस्ट्रक्चर एवं फास्ट ट्रैक अदालतो की जरूरत- रोहिताश्व अग्रवाल, विख्यात अधिवक्ता एवं चेयरमैन, बार काउन्सिल, उत्तर प्रदेश
- लोकतन्त्र का सबसे मजबूत स्तंम्भ होने के कारण न्यायपालिका का स्थान सबसे ऊपर- डाॅ सुधीर गिरि, विख्यात शिक्षाविद् एवं चेयरमैन वेक्टेश्वरा समूह
- त्वरित न्याय के कारण पिछले एक दशक में न्यायपालिका में लोगो का विश्वास बढ़ा- डाॅ राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति, वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय
न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी। अन्तर्राष्ट्रीय न्याय दिवस पर वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय मेरठ परिसर में जस्टिस डिलेड ईज जस्टिस डिनायड विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार (डिजीटल सेमीनार) का आयोजन किया गया। जिसमें देश के नामचीन जजो, कानूनविदो एवं वरिष्ठ वकीलो ने ऑनलाइन प्रतिभाग करते हुए देश की न्याय व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा करते हुए देश की अदालतो में वर्षो से लम्बित मामलो के निस्तारण के लिए इन्फ्राॅस्ट्रक्चर एवं अधिक से अधिक फास्ट ट्रैक कोर्टस के निर्माण की पुरजोर वकालत की।
इसके साथ ही विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ लाॅ की ओर से लिखित पुस्तक न्याय में देरी, न्याय नहीं का शानदार विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर देश एवं दुनिया के हर पीड़ित व्यक्ति तक सस्ते, सुलभ, निष्पक्ष न्याय की पहुँच सुनिश्चित हो सके, इसकी शपथ भी दिलायी गयी।
संस्थान के डाॅ सीवी रमन सभागार में आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार (डिजीटल सेमीनार) का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ सुधीर गिरि एवं प्रतिकुलाधिपति डाॅ राजीव त्यागी ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता/अतिथि लखनऊ एन्टीकरप्शन कोर्ट के विशेष जज जस्टिस अविनाश सक्सेना ने कहा कि देर से मिले न्याय का कोई औचित्य नहीं होता क्योकि बहुत सारे मामलो में पीडित देरी होने पर न्याय की उम्मीद ही छोड देता है।
इसलिए न्यायिक मामलो में तेजी आनी चाहिये। दूसरे मुख्य वक्ता यूपी बार काउन्सिल के चेयरमैन विख्यात अधिवक्ता रोहिताश्व अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में त्वरित न्याय के लिए न्यायालयो की इन्फ्राॅस्ट्रक्चर विकसित करने के साथ-2 सैकडो फास्ट ट्रैक अदालतो की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय वेबीनार को जस्टिस विकास चौधरी (बुलन्दशहर), डाॅ बीआर अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ कानून विभाग के वरिष्ठ प्रो0 डाॅ एसके चढढा, सीनियर काउन्सिल सुप्रीम कोर्ट एड संजीव पुरी, उपभोगक्ता मामलो के वरिष्ठ अधिवक्ता डाॅ गोपाल नारसन उत्तराखण्ड आदि ने भी सम्बोधित किया।



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