- एमआईईटी में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर वेबिनार
- जीवन है अनमोल, इसको न समझें कोई खेल- डॉ शैलेंद्र कुमार
मेरठ| मुस्कुराएगा इंडिया अभियान के तहत मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के 1500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर शैलेंद्र कुमार ने बताया की जब कोई बहुत ज्यादा बुरी मानसिक स्थिति से गुजरता है। तो एकदम अवसाद में चला जाता है। इसी अवसाद की वजह से लोग ज्यादातर युवा आत्महत्या कर लेते हैं। जिससे उनके परिवार पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है। हर साल 10 सितंबर को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे (विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस) मनाया जाता है। इसे लोगों में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुकता फैलाने और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए मनाया जाता है। आत्महत्या के बढ़ते मामलो को रोकने के लिए इसे 2003 में शुरु किया गया था। इसकी शुरुआत आईएएसपी (इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ सुसाइड प्रिवेंशन) द्वारा की गई थी।
एमआईईटी एनएसएस इकाई के कोऑर्डिनेटर संदीप सिरोही ने छात्रों को बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। हर साल लगभग 8 लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या कर लेते हैं। जबकि इससे भी अधिक संख्या में लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। यह स्थिति बहुत डराने वाली है। इससे पता चलता है कि आज के टाइम में लोगों में कितना ज्यादा मानसिक तनाव है। इस डेटा के मुताबिक दुनियाभर में 79 फीसदी आत्महत्या निम्न और मध्यवर्ग वाले देशों के लोग करते हैं।
छात्रों को सकारात्मक रूप से प्रेरित करते हुए एमआईईटी के डॉ शैलेंद्र कुमार ने कहा की यदि मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न हो तो आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं, ख़ुद पर ध्यान देना शुरू करें, खानपान को संतुलित करें, नियमित रूप से कुछ समय व्यायाम या योग करते हुए बिताएं। नकारात्मक सोच को बाहर का रास्ता दिखाएं। सबसे महत्वपूर्ण बात अकेले न रहें, परिवार और दोस्तों के संग रहें, सकारात्मक होकर कार्य करें। क्योकि जीवन है अनमोल, इसको न समझें कोई खेल।
कार्यक्रम में एमआईईटी ग्रुप के चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, डॉ देवेंद्र कुमार अरोड़ा, डॉ शैलेंद्र कुमार,डॉ संदीप सिरोही सहित सभी विभागों के प्रोफेसर मौजूद रहे।

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