- हिन्दी दिवस पर वेंक्टेश्वरा में हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी मातृभाषा विषय पर सेमीनार
- हिन्दी एक भाषा मात्र नहीं यह हमारी मातृभाषा, इस देश की आत्मा है- डॉ सुधीर गिरि, चेयरमैन
- हिन्दी बोलना शर्मिन्दगी नहीं, बल्कि यह राष्ट्रीय स्वाभिमान की अभिव्यक्ति- डॉ राजीव त्यागी
न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी| दिल्ली रूडकी बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा संस्थान में हिन्दी दिवस पर हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी मातृभाषा विषय पर एक दिवसीय सेमीनार काआयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओ ने एक सुर में हिन्दी को देश की आत्मा बताते हुए पूरे देश में हिन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं इसके सर्वधन का सकंल्प दोहराया। इसके अलावा कार्यालयों में शत्-प्रतिशत हिन्दी प्रयोग की शपथ के साथ हिन्दी सेवियों को सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर वेंक्टेश्वरा संस्थान के छात्र-छात्राओं ने हिन्दी सर्वधन के लिए शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये।
संस्थान के स्वामी विवेकानन्द केन्द्रीय सभागार में आयोजित सेमीनार एवं हिन्दी शपथ एवं सम्मान समारोह का शुभारम्भ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी, हिन्दी साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य एवं विख्यात साहित्यकार डॉ योगेन्द्रनाथ अरुण, साहित्यकार डॉ गोपाल नारसन आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
अपने सम्बोधन में समूह चेयरमैन डॉ सुधीर गिरि ने कहा कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा मात्र नहीं है, यह इस देश की आत्मा है। आज 80 करोड़ भारतीयों के साथ-2 दुनिया के 148 देशो में कुल मिलाकर एक अरब से अधिक लोग हिन्दी की सेवा कर रहे है। जोकि देश को गौरान्वित करने वाली बात है। उन्होने कार्यालय की भाषा को भी शत्-प्रतिशत हिन्दी में करने की बात कही।
विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ राजीव त्यागी ने कहा कि हिन्दी बोलना शर्मिन्दगी का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान एवं स्वाभिमान की अभिव्यक्ति का विषय है। इसके अलावा अन्तर्राष्ट्रीय काम-काज एवं व्यापारिक स्तर पर भी हमे हिन्दी को ही अपनाना चाहिये। हमारी राष्ट्रभाषा वैश्विक स्तर पर कही बैरियर का काम नहीं करती। इसका जीता जागता उदाहरण हमारा दुश्मन देश चीन है, जिसने सभी व्यापारिक रिश्ते अपनी चीनी भाषा में बनाये एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आपको मजबूती से स्थापित किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ योगेन्द्रनाथ, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गोपाल नारसन, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मंजू सैनी, चमन सिंह आदि को हिन्दी सेवा के लिए शॉल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति डॉ पीके भारती, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुशील शर्मा, कुलसचिव डॉ पीयूष पाण्डे, डॉ प्रभात श्रीवास्तव, उपनिदेशक दूरस्थ शिक्षा डॉ अलका सिंह, डॉ राजेश सिंह, डॉ सीपी कुशवाह, डॉ विवेक सचान, डॉ विपिन कुमार, मारूफ चौधरी, अरूण गोस्वामी, अंजलि शर्मा, डॉ होल्कर, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे।




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