News UP 24x7

RNI No:- UP56D0024359

Breaking

Your Ads Here

Friday, October 9, 2020

एमआईईटी में बायो टेक्नोलॉजी में अग्रिम नवाचार और संभावनाओं पर कार्यक्रम का शुभारंभ


  • ऑनलाइन फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में जुटे शिक्षाविद
  • बायो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं- डॉ असलम





न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी|  मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के बायो टेक्नोलॉजी विभाग में तीन दिवसीय ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सोसाइटी ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट इंडिया और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के सहयोग से किया गया। 

इस दौरान कार्यक्रम का विषय "बायो टेक्नोलॉजी में अग्रिम नवाचार और संभावनाएं" रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी, भारत सरकार में साइंटिस्ट डॉ असलम, एसबीसी के प्रेसिडेंट डॉ राजेंद्र प्रसाद, चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ नितिन शर्मा ने किया। फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में देश-विदेश से लगभग 1200 शिक्षकों ने भाग लिया।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नितिन शर्मा ने कहा कि “हम बायो साइंस से बायो-इकोनॉमी की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं और सरकार का लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारत को जैव प्रौद्योगिकी आधारित 100 बिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था के रूप में विकसित करने का है। डॉ असलम ने बताया कि बायो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में शिक्षकों को अवगत कराया।

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बताया की जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारे जीवन को निरंतर प्रभावित करती है। भारत जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। बेहद कम लागत में रोटा वायरस वैक्सीन का विकास इसका एक छोटा-सा उदाहरण हैं। भारत में जैव प्रौद्योगिकी में ऐसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि आगामी वर्षों में देश में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की तरह उछाल देखने को मिल सकता है।

फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में मुख्य वक्ता डॉ मीनू गुप्ता ने नैनो-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में व्याख्यान दिया। उन्होंने लिविंग नैनो फैक्ट्रीज की उपयोगिता के बारे में बताया। वक्ता डॉ पूनम चौधरी ने नई माइक्रोस्कॉपी तकनीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी शोध के माध्यम से बायो टेक्नोलॉजी रिसर्च में माइक्रोस्कॉपी के महत्व को दर्शाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आशिमा कथुरिया, डॉ गौरव, नीरज तथा विश्वास गौतम ने किया।


No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here