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Friday, January 7, 2022

आई.टी ट्रेनिंग कौशल विकास एवं स्टार्टअप के लिए महत्वपूर्ण होगा एमओयू: प्रो संगीता शुक्ला

 सीसीएस विश्वविद्यालय एवं इलेक्ट्राॅनिक एंड आईसीटी एकेडमी, आईआईटी के बीच हुआ एमओयू

मेरठ। चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के लिए आज का दिन बहुत की गौरवशाली रहा। विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन व निर्देशन में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ व इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईसीटी एकेडमी, आईआईटी रूडकी के साथ ट्रैनिंग शिक्षा के क्षेत्र में  एमओयू साइन किया। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला ने कहा कि आई.टी ट्रेनिंग कौशल विकास एवं स्टार्टअप के लिए महत्वपूर्ण होगा यह एमओयू । विज्ञान के साथ सर छोटोराम इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलाॅजी के छात्रों को भी इसका बहुत फायदा होगा। इससे विधार्थियों को स्किल डेवलपमेंट, मोटीवेशनल तथा ट्रैनिंग कोर्स करने में मदद मिलेगी। कुलपति ने भौतिक विज्ञान विभाग को इस क्षेत्र में  पहल करने के लिए बधाई दी। साथ ही इस एमओयू के क्रियांवयन को सुदृढ बनाने का आहवान किया।
छात्रों को दी जाएगी ट्रैनिंग
इस महत्वपूर्ण एमओयू के द्वारा देशभर के छात्रों, शिक्षकों एव औधौगिक प्रतिनिधियों को इलेक्ट्राॅनिक्स एव इनफोरमेशन टेक्नोलाॅजी को ट्रेनिंग दी जाएगी। आईआईटी रूडकी स्थित इलेक्ट्राॅनिक एंड आईसीटी एकेडमी, इस दिशा में भारत सरकार के इलेक्ट्राॅनिक्स एंड सूचना प्रोधौगिकी मंत्रालय के योजना के अंतर्गत दी जाएगी।
एक्टिविटी सेंटर के रूप में कार्य करेगा भौतिक विज्ञान विभाग
भौतिक विज्ञान विभाग इस एमओयू में एक्टिविटी सेंटर के रूप में कार्य करेगा। दोना संस्थान मिलकर इलेक्ट्राॅनिक्स एंड सूचना प्रोधौगिकी के क्षेत्र में विभिन्न शाॅर्ट टर्म कोर्स, वर्कशाॅप, ट्रैनिंग प्रोग्राम संचालित करेंगे। इस एमओयू के माध्यम से विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग इंस्टीटयूट के विधार्थियों एवं शिक्षकों को भी तकनीकी के क्षेत्र में नए-नए कोर्स की ट्रेनिंग देने का प्रयास किया जाएगा। इस एमओयू के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में वर्णित कौशल विकास के विषयों को विश्वविद्यालय में संचालित करने में मदद मिलेगी। जिसके फलस्वरूप् छात्रों को औधौगिक क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
 एमओयू का साइन करने के लिए आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर एव इस परियोजना के मुख्य संचालक प्रो संजीव मन्हास ने बताया कि इस परियोजना एवं एमओयू के माध्यम से भारत सरकार की डिजिटलाइजेशन जैसी महत्वपूर्ण पहल को भी बढावा मिलेगा। इस एमओयू के माध्यम से वैश्विक स्तर को प्रोधौगिकी जैसे आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस, डाटा साइंस एव क्लीन ऊर्जा जैसे विषयों पर शोध अनुसंधान एवं ट्रेनिंग करने का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो वाई विमला ने इस विश्वविद्यालय के विधार्थियों एवं शिक्षकों के लिए तकनीकी के क्षेत्र में काम करने के लिए सुनहरा अवसर बताया। भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो बीरपाल सिंह ने एमओयू के बारे विस्तार से बताते हुए इसके उपयोग पर प्रकाश डाला। इस दौरान कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो मृदुल गुप्ता, प्रो अनिल मलिक, प्रो संजीव, प्रो अनुज कुमार, डाॅ योगेंद्र गौतम, डाॅ अनिल यादव, डाॅ कविता शर्मा तथा विश्वविद्यालय के प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता मौजूद रहे।

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