निदेशक प्रो डॉ एस.के सिंह ने कहा की आईपीआर और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा और उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकारों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की महत्वपूर्ण भूमिका पर समझ को बढ़ाना और संवाद को बढ़ावा देना है। आईपीआर सेल और सीएसई डेटा साइंस विभाग के हेड रोहित अग्रवाल ने कहा की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हमारे शैक्षणिक मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है। एमआईईटी में 160 पेटेंट पंजीकृत हैं और 25 पंजीकरण चरण में हैं।
प्रगति अग्रवाल एवं रीमा साहनी मेदीरत्ता ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में जानकारी प्राप्त कर विद्यार्थी अपने टैलेंट को, अपने आविष्कार को नई पहचान दे सकते है। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) को सृजनात्मकता, नवोन्मेष और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए और ट्रेडमार्क पहचान की रक्षा के लिए बनाया गया है। देश के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत अब इनोवेशन के क्षेत्र में आगे खड़ा है। इस अवसर पर चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ प्रो एसके सिंह, डीन डॉ संजीव सिंह,डीन सीएसई डॉ अंकुर सक्सेना,हेड आईक्यूएसी प्रवीण चक्रवर्ती,हेड आईपीआर सेल रोहित अग्रवाल और विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं विभागध्यक्ष मौजूद रहे।
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