मेरठ। नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा आयोजित कश्मीरी युवा एक्सचेंज कार्यक्रम के पांचवें दिन कश्मीर के छह जिलों—कुपवाड़ा, बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, श्रीनगर और बारामूला—से आए 132 युवाओं ने मेरठ हापुड़ लोकसभा के सांसद अरुण गोविल से मुलाकात की। यह संवाद गंगानगर स्थित डिफेंस एंक्लेव में सांसद आवास पर हुआ।
कश्मीर के विकास पर चर्चा
सांसद अरुण गोविल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आर्टिकल 370 हटाने के बाद कश्मीर में हुए विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि अब कश्मीर में कनेक्टिविटी बढ़ी है और वहां के युवा देश की मुख्यधारा से जुड़कर बेहतर अवसर तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर के युवाओं को बाहर आना-जाना और शिक्षा हासिल करना बेहद कठिन था, लेकिन आज कश्मीर तेजी से विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
सांसद ने युवाओं को संबोधित करते हुए रामायण पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ परिवार में एकता और आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने के साथ जीवन मूल्यों को समझाने में सहायक है।
मेरठ के औद्योगिक और ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा
सांसद ने मेरठ की क्रांतिकारी विरासत और यहां की प्रमुख औद्योगिक विशेषताओं जैसे टेक्सटाइल इंडस्ट्री, स्पोर्ट्स गुड्स, ज्वेलरी निर्माण, कैंची निर्माण, और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में युवाओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कश्मीरी युवा यदि मेरठ आकर इन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करना चाहें, तो उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी।
कश्मीरी युवाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए और मेरठ की मेहमाननवाजी, संस्कृति और उद्योगों की प्रशंसा की।
कृषि विश्वविद्यालय का दौरा
सांसद से संवाद के बाद युवाओं ने मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय का दौरा किया। यहां संयुक्त निदेशक डॉ. एसके लोधी और प्रोफेसर डॉ. लोकेश कुमार गंगवार ने छात्रों को विभिन्न फसलों की खेती और उनसे जुड़ी आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी।
छात्रों ने गेहूं, चावल, सरसों, फल और फूलों की खेती को करीब से देखा और इससे जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों ने विस्तार से उत्तर दिया। छात्रों ने खेती के आधुनिक तरीकों और तकनीकों को जानकर अपनी खुशी जाहिर की।
कार्यक्रम में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान नेहरू युवा केंद्र संगठन मेरठ के जिला युवा अधिकारी यशवंत यादव, अकाउंटेंट नरेंद्र त्यागी, और अन्य अधिकारी अजय चौधरी, अखिल गौतम, और तुषार ठाकुर मौजूद रहे।
सांस्कृतिक और औद्योगिक जुड़ाव का अनूठा प्रयास
यह कार्यक्रम न केवल कश्मीर और मेरठ के बीच सांस्कृतिक, औद्योगिक और शैक्षिक जुड़ाव को मजबूत बनाने का एक सेतु बना, बल्कि युवाओं को भारत के विभिन्न क्षेत्रों को समझने और उनसे जुड़ने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान किया।
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