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Sunday, January 5, 2025

एमआईईटी में कश्मीरी यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम: चौथे दिन स्वास्थ्य, कृषि और सांप्रदायिक सौहार्द पर विशेष सत्र

मेरठ। मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) में चल रहे छह दिवसीय कश्मीरी यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के चौथे दिन स्वास्थ्य, कृषि, इतिहास और सांप्रदायिक सौहार्द पर केंद्रित सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों का उद्देश्य कश्मीरी युवाओं को नए कौशल और ज्ञान प्रदान करना था।

सीपीआर का महत्व: जीवन बचाने की कला

पहले सत्र में दीपक कुमार ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेससिटेशन) की ट्रेनिंग दी। उन्होंने बताया कि हृदय गति रुकने पर केवल पांच मिनट के भीतर दिया गया सीपीआर व्यक्ति की जान बचा सकता है। उन्होंने इस तकनीक को सभी के लिए आवश्यक बताते हुए इसे सीखने पर जोर दिया। सत्र के दौरान सीपीआर का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे युवाओं को आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षक तकनीकों की व्यावहारिक जानकारी मिली।

कश्मीर की जलवायु के लिए कृषि परामर्श

दूसरे सत्र में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिओम कटियार ने कश्मीर के युवाओं को जलवायु-अनुकूल खेती की जानकारी दी। उन्होंने किचन गार्डनिंग पर विशेष व्याख्यान दिया और घरों में फल और सब्जियां उगाने के व्यावहारिक सुझाव दिए। इस सत्र ने युवाओं को कृषि में नवीन दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।


कश्मीर और मेरठ के ऐतिहासिक जुड़ाव

तीसरे सत्र में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर विग्नेश कुमार त्यागी ने कश्मीर और मेरठ के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने गुर्जर, जाट और गडरिया जैसी समुदायों का उल्लेख किया, जो दोनों क्षेत्रों में पाई जाती हैं। उन्होंने युवाओं को इन सांस्कृतिक समानताओं के माध्यम से मेरठ से भावनात्मक रूप से जोड़ा।

नौचंदी मेला: सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक

चौथे सत्र में एनएएस डिग्री कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज शर्मा ने मेरठ के हिंदू-मुस्लिम इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने नौचंदी मेले को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताते हुए इसके ऐतिहासिक महत्व पर चर्चा की। इस सत्र ने युवाओं को भारतीय संस्कृति की विविधता और सामंजस्यपूर्ण इतिहास से परिचित कराया।

खेल गतिविधियों से बढ़ी टीम भावना

दोपहर में कश्मीरी युवाओं के लिए खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया गया। क्रिकेट, वॉलीबॉल, खो-खो, टेबल टेनिस, रस्साकशी जैसे खेलों में युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। खेलों ने टीम वर्क और आपसी सहयोग को प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र संगठन के जिला युवा अधिकारी यशवंत सिंह, नरेंद्र त्यागी, एमआईईटी के अजय चौधरी और अखिल गौतम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीरी युवाओं को शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाना है।

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