कार्यक्रम का शुभारम्भ अब्दुल कलाम सभागार में मुख्य अतिथि विख्यात सोशल जस्टिस एक्टिविस्ट एवं कानून विशेषज्ञ सुश्री अंकिता सिंह, प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विनीत सिंह, अधिवक्ता हरदीप सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. मधु चतुर्वेदी, कुलसचिव प्रो. पीयूष पाण्डेय आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि ने दिलाई मौलिक कर्तव्यों के पालन की शपथ
संविधान—140 करोड़ भारतीयों की ‘आत्मा’
वेंक्टेश्वरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि ने कहा कि समानता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार सहित अन्य मौलिक अधिकार देश के प्रत्येक नागरिक की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसलिए भारतीय संविधान 140 करोड़ भारतीयों के मूल अधिकारों का रक्षक और राष्ट्र की एकता, अखण्डता व सामाजिक न्याय का आधारस्तम्भ है।
प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी ने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार प्रदान करता है, लेकिन राष्ट्र निर्माण हेतु इन अधिकारों के साथ–साथ मौलिक कर्तव्यों का पालन भी उतना ही आवश्यक है।
वरिष्ठ कानूनविदों ने रखा अपना दृष्टिकोण
संगोष्ठी में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरदीप सिंह, प्रो. पीयूष पाण्डेय, डाॅ. मधु चतुर्वेदी सहित अन्य विशेषज्ञों ने संविधान को राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और अखण्डता का संवाहक बताया। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व के सर्वोत्तम संविधानों में से एक है, जो लोकतंत्र की आत्मा को जीवित रखता है।
कार्यक्रम में शिक्षकों एवं अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर डायरेक्टर एकेडमिक डाॅ. राजेश सिंह, डाॅ. नीतू पंवार, डाॅ. सुमन कुमारी, डीन लाॅ डाॅ. राजवर्द्धन सिंह, डी.पी. सिंह, डाॅ. योगेश्वर शर्मा, डाॅ. दर्पण कौशिक, डाॅ. स्नेहलता, डाॅ. आशुतोष, डाॅ. एस.के. श्रीवास्तव, एस.एस. बघेल, अरुण गोस्वामी, मारूफ चौधरी, मेरठ परिसर से निदेशक डाॅ. प्रताप, एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन वेंक्टेश्वरा स्कूल ऑफ लॉ और स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एवं सोशल स्टडीज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
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