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Saturday, May 17, 2025

एमआईईटी में 1156 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में दी गई डिग्रियां


मेरठ। एमआईईटी कॉलेज में शनिवार को भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से संबद्ध पाठ्यक्रमों के कुल 1156 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे एकेटीयू कुलपति प्रो. (डॉ.) जे.पी. पांडे, टेक्निकल एजुकेशन वेस्ट जोन के संयुक्त निदेशक मोहम्मद साबिर, रीजनल हायर एजुकेशन की संयुक्त निदेशक डॉ. मोनिका सिंह, संस्थान के चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, कैंपस निदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह, आकांक्षा अग्रवाल और रजिस्ट्रार शिवपूजन सिंह ने संयुक्त रूप से किया। खालसा इंटर कॉलेज, मेरठ थापर नगर के छात्रों द्वारा प्रस्तुत बैंकपाइप बैंड की प्रस्तुति ने समारोह की शुरुआत की।

इस अवसर पर चेयरमैन विष्णु शरण ने कुलपति को एआईसीटीई आइडिया लैब में छात्रों द्वारा तैयार श्रीराम मंदिर की 3डी प्रतिमा भेंट की। कैंपस निदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह ने संस्थान की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में बीटेक के 791, बी.फार्मा के 73, एमबीए के 166, एमसीए के 97, एम.टेक के 8 और एम.फार्मा के 21 छात्रों सहित कुल 1156 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की। विभिन्न पाठ्यक्रमों के टॉप तीन छात्रों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल देकर सम्मानित किया गया। 

बीटेक (कंप्यूटर साइंस – डाटा साइंस) की छात्रा झलक जैन को विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर चांसलर अवार्ड और गोल्ड मेडल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की निकिता सिंह को यूनिवर्सिटी टॉपर बनने पर गोल्ड मेडल तथा एम.टेक (कंप्यूटर साइंस) की शिवा चौधरी को तीसरा स्थान प्राप्त करने पर सिल्वर मेडल प्रदान किया गया। नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बीटेक के हर्ष चौहान को स्टार्टअप इनोवेशन अवार्ड से नवाजा गया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. (डॉ.) जे.पी. पांडे ने छात्रों से आत्मविकास, निर्णय क्षमता और तकनीकी दक्षता को जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आग्रह किया। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के प्रथम श्लोक का उल्लेख करते हुए जीवन की चुनौतियों से साहसपूर्वक निपटने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है जहां वह स्वयं को स्वतः अपडेट करने में सक्षम है। यदि हमने समय रहते इस तकनीक को नहीं अपनाया, तो यह भविष्य में मानव भूमिकाओं की जगह लेने की क्षमता रखता है।

समारोह के उपरांत आयोजित इंडस्ट्री-अकादमिक इंटरैक्शन कार्यक्रम में उद्योगों से जुड़ी चुनौतियों एवं संभावित समाधानों पर मंथन किया गया। कार्यक्रम में आईटीसी प्लांट सहारनपुर के हेड अनूप कुमार मिश्रा, मेरठ मैनेजमेंट एसोसिएशन, तथा इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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