जांच समिति को प्राप्त अभिलेखों और बयानों के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि दीपक कुमार ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह शिकायत भ्रमवश दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा इस बाबत खेद भी व्यक्त किया गया है। केंद्र के चिकित्सकों ने भी अपने बयानों में स्पष्ट किया कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में आशा (मरीज) के पीत की थैली का आकार मात्र दर्शाया गया था, न कि किसी प्रकार की पथरी जैसी स्थिति को संकेतित किया गया। दिनांक 31 मई 2025 को किया गया यह अल्ट्रासाउंड एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा किया गया था, और जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं पाई गई। अतः समिति ने शिकायत को निरस्त करने की संस्तुति की है।
स्टार रेडियोलॉजी अल्ट्रासाउंड सेंटर के प्रबंधक ने बताया कि हम अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचों को एक्सपीरियंस डॉक्टर के द्वारा ही करते हैं हमारे यहां सभी स्टाफ योग्य है एवं मानकों के आधार पर कार्य करते हैं हम सस्ती एवं सही जांच करने के लिए एवं लोगों को जल्द से जल्द स्वस्थ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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