इसके बाद नन्हे-मुन्ने बच्चों ने “मेरे घर राम आएंगे” भक्ति गीत पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से दशहरा पर्व के महत्व को उजागर करते हुए यह संदेश दिया कि बुराई कितनी भी प्रबल क्यों न हो, अंततः विजय अच्छाई और सत्य की ही होती है।
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति में एक छात्र ने भगवान श्रीराम के रूप में शर संधान कर रावण दहन किया। रावण दहन के साथ ही विद्यालय परिसर “जय श्री राम” के जयकारों से गूंज उठा और पूरा वातावरण आध्यात्मिक उत्साह से भर गया।
विद्यालय अध्यक्ष विष्णु शरण अग्रवाल और प्रबंधन समिति के सहयोग एवं आशीर्वाद को प्रधानाचार्या ने कार्यक्रम की सफलता का आधार बताया। अपने संबोधन में प्रधानाचार्या श्रीमती नवनीत चड्ढा ने बच्चों को दशहरा पर्व का महत्व समझाते हुए प्रेरित किया कि हमें अपने भीतर की बुराइयों—जैसे क्रोध, अहंकार और लोभ—का त्याग कर सत्य और सद्गुणों के मार्ग को अपनाना चाहिए।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने बच्चों को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 


 
 
 
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