संविधान का संरक्षक है न्यायपालिका : जस्टिस पी.के. गिरि
मेरठ (ब्यूरो)। श्री वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में शुक्रवार को अब्दुल कलाम कॉन्फ्रेंस हॉल में “न्यायपालिका संविधान की संरक्षक” विषय पर संवाद एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस पी.के. गिरि ने शिरकत की।
जस्टिस गिरि ने कहा कि न्यायपालिका नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सबसे बड़ी संरक्षक है। यह सरकार की शक्तियों का संतुलन बनाए रखने के साथ समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और भयमुक्त, तानाशाही-मुक्त लोकतांत्रिक समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट, महिला न्यायालय, बाल न्यायालय और विशेष अदालतों की स्थापना से गंभीर अपराधों के पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष सुधीर गिरि ने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ—विधायिका, कार्यपालिका, मीडिया और न्यायपालिका—एक-दूसरे के पूरक हैं। किसी एक के बिना मजबूत लोकतंत्र और अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा संभव नहीं है। वहीं, अमरोहा के पुलिस अधीक्षक आईपीएस अमित कुमार आनंद ने कहा कि इन चारों स्तंभों की संयुक्त भूमिका से ही लोकतंत्र सशक्त बन सकता है।
प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी ने कहा कि एक परिपक्व और स्थिर लोकतांत्रिक समाज के निर्माण में न्यायपालिका की भूमिका सबसे अहम है। कुलपति प्रो. कृष्णकांत दवे सहित अन्य अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति पी.के. गिरि का पारंपरिक स्वागत बुके, पटका, पगड़ी और अशोक स्तंभ भेंट कर किया गया। कार्यक्रम में लॉ डीन डॉ. राजवर्द्धन सिंह, ग्रुप एडवाइजर डॉ. आर.एस. शर्मा, डॉ. नीतू पंवार, डॉ. शिल्पा रैना, डॉ. सुमन कुमारी, डॉ. मोहित शर्मा, डॉ. श्यामलाल, डॉ. योगेश्वर शर्मा, सुमन मीना, अशोक कुमार, एस.एस. बघेल, मेरठ परिसर से डॉ. प्रताप सिंह और मीडिया प्रभारी विश्वास राणा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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