“थिंक हेल्थ-थिंक फार्मासिस्ट” थीम पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, पोस्टर प्रदर्शनी और स्वास्थ्य जागरूकता रैली
कार्यक्रम का शुभारंभ डाॅ. सी0वी0 रमन सभागार में सरस्वती माँ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एस0आर0 मालू, मोनार्क साइंटिफिक के हेड निशांत सिंह, प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी, गलेक्सो इंडिया के सीमान्त सक्सेना, औषधि निरीक्षक रुचि बंसल, चीफ फार्मासिस्ट प्रदीप कुमार दास, कुलपति डाॅ. कृष्ण कान्त दवे, डीन फार्मेसी डाॅ. ओमप्रकाश गोसाई सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
दिनभर चले कार्यक्रम में राष्ट्रीय संगोष्ठी, पोस्टर व मॉडल प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक और स्वास्थ्य जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। छात्रों ने नुक्कड़ नाटक और रैली के माध्यम से “स्वस्थ भारत-आयुष्मान भारत” का संदेश देते हुए फार्मासिस्ट की अहम भूमिका को उजागर किया।
मुख्य अतिथि औषधि निरीक्षक रुचि बंसल ने कहा कि “फार्मा सेक्टर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री है, जिसमें सरकारी, निजी और स्वरोजगार के ढेरों अवसर मौजूद हैं।” प्रतिकुलाधिपति डाॅ. राजीव त्यागी ने कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि “फार्मासिस्ट ने डॉक्टरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दवाओं से लेकर वैक्सीन तक मरीजों की सेवा में अहम भूमिका निभाई।”
वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. एस0आर0 मालू ने कहा कि सुरक्षित और प्रभावी इलाज के प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित फार्मासिस्ट की भूमिका चिकित्सक से कम नहीं है। वहीं वेंक्टेश्वरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष सुधीर गिरि ने प्रधानमंत्री की “स्वस्थ भारत-आयुष्मान भारत” जैसी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में फार्मासिस्ट को सबसे महत्वपूर्ण बताया।
इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने फार्मा इंडस्ट्री में रोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और छात्रों को प्रेरित किया। डीन फार्मेसी डाॅ. ओमप्रकाश गोसाई ने सभी विद्यार्थियों को स्वास्थ्य सेवा की शपथ भी दिलाई।
कार्यक्रम में मेरठ, मुरादाबाद, दिल्ली, गुरुग्राम समेत विभिन्न हिस्सों से आए विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया। अंत में विश्वविद्यालय प्रबंधन और अतिथियों ने फार्मेसी छात्रों के उत्साह व रचनात्मकता की सराहना की।
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