मेरठ। बागपत बाईपास क्रॉसिंग स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) के बायोटेक्नोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसका विषय बायो साइंस में कौशल उन्नयन रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ एमआईईटी के चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, प्रधानाचार्य डॉ शालिनी शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में मेरठ जनपद से विभिन्न विद्यालयों के 50 से अधिक अध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य बायोटेक्नोलॉजी,माइक्रोबायोलॉजी एवं जीव विज्ञान के क्षेत्र में आधुनिक एवं भविष्य में होने वाली उपलब्धियों के लिए जागरूकता फैलाना है। विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों को प्रायोगिक ज्ञान की रूचि बढ़ाना था। जिससे कि वह अपने विद्यालयों में इस प्रकार प्रायोगिक लैब आसानी से करा सकें।
वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने कहा की जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान का एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारे जीवन को निरंतर प्रभावित करती है। भारत जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। बेहद कम लागत में रोटा वायरस वैक्सीन का विकास इसका एक छोटा-सा उदाहरण हैं। भारत में जैव प्रौद्योगिकी में ऐसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि आगामी वर्षों में देश में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की तरह उछाल देखने को मिल सकता है।
कार्यक्रम में डॉ आसिफ सिद्दीकी, डॉ असद, डॉ हृदेश कुमार, डॉ पूनम रानी, डॉ मेघा सिरोही, डॉ शिप्रा, डॉ नेहा, सोनिया शर्मा, डॉ तारीख, डॉ अलका, वंदिता, अभिनव, डॉ दिव्या चौधरी आदि मौजूद रहे।

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