न्यूज़ यूपी 24x7।मेरठ। वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए जहां केंद्र सरकार द्वारा तमाम प्रदेशों को अरबों रुपए का अनुदान दिया गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश में कोरोना वारियर्स के प्रयोग के लिए सप्लाई की गई पीपीई किट पर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और नोएडा के जीआईएमसी के निदेशक द्वारा इन किट को चिकित्सकों के लिए अनुपयुक्त बताते हुए रिजेक्ट कर दिया गया है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के डीजी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित सात जिलों में इन किट के प्रयोग पर रोक लगाने का पत्र जारी कर दिया है। मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता ने बताया कि जल्द ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेरठ मेडिकल कॉलेज को उत्तम क्वालिटी की पांच सौ किट प्रदान की जाएंगी।
लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरसी गुप्ता का आरोप है कि पहले शासन द्वारा जो सौ पीपीई किट मेडिकल कॉलेज में भेजी गई थीं, वह मानकों के अनुरूप नहीं थीं। इन सभी किट का ना तो साइज ही सही था और तय मानकों के विपरीत इनमें पहनने वाले का गला, पैर और अन्य कुछ अंग भी खुले रहते थे। जिसके चलते इसे पहनने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना के संक्रमण का खतरा बरकरार था। उन्होंने बताया कि मानक के अनुरूप किट ऐसी होनी चाहिए, जिसमें ना तो पहनने वाले का कोई भी अंग खुला हो और हवा भी पास होती रहे। जिसके बाद पहले भेजी गई सभी सौ किट वापस लौटा दी गई हैं। प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक द्वारा जल्द ही उत्तम क्वालिटी की किट प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। संभवतः एक या दो दिन बाद उत्तम क्वालिटी की पांच सौ किट मेरठ पहुंच जाएंगी।

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