मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रायोजित छह दिवसीय अटल फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समापन उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का केंद्रीय विषय "कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग में प्रगति" रहा, जिसमें देशभर से आए शिक्षाविदों ने भाग लिया और नवीनतम तकनीकी विषयों पर संवाद किया। फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में 50 शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दयानंद शर्मा, प्रोग्राम डायरेक्टर, इननोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस, रक्षा मंत्रालय एवं हेड,इंडियन नेवी ग्रुप रहे। अपने संबोधन में उन्होंने रक्षा क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों और अनुसंधान की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मणि मधुकर ने क्लाउड, जनरेटिव एआई/एमएल, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों पर व्यापक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन तकनीकों का प्रभाव आने वाले वर्षों में शैक्षिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक रूप से देखने को मिलेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत एडोबी के सीनियर मैनेजर विदित भाटिया के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने जनरेटिव एआई की सहायता से अनस्ट्रक्चर्ड डाटा के लिए रिट्रीवल ऑगमेंटेड जनरेशन मॉडल्स के निर्माण की प्रक्रिया साझा की।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रो. डॉ. मयंक अग्रवाल ने "मशीन डिपेंडेंसी और एआई" विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उद्योगों की कार्यप्रणाली को नया स्वरूप दे रहा है।
टेलस इंटरनेशनल, नोएडा के प्रोजेक्ट मैनेजर अवनीश कुमार ने एआई इन एजुकेशन पर अपनी बात रखते हुए बताया कि एआई आधारित टूल्स किस प्रकार शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी एवं सुलभ बना सकते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय (नॉर्थ कैंपस) के कंप्यूटर साइंस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिलीप सेनापति ने इंटेलिजेंस एज कंप्यूटिंग पर केंद्रित तकनीकी व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसमें भविष्य की कंप्यूटिंग अवधारणाओं पर गहन चर्चा की गई।
कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को एक औद्योगिक इकाई का भ्रमण भी कराया गया, जहां उन्हें उद्योग में तकनीकों के वास्तविक उपयोग का अनुभव प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त डॉ. एम.आई.एच. अंसारी द्वारा एक पोस्ट-लर्निंग सेशन आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी सीख और भविष्य की योजनाओं पर विचार साझा किए।
एफडीपी का संचालन कोऑर्डिनेटर डॉ. मुकेश रावत और को-कोऑर्डिनेटर डॉ. पंकज शर्मा के निर्देशन में सफलतापूर्वक किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अंशिका चौधरी, अदिति शर्मा, सोनम तोमर, सचिन कौशिक, अनमोल, रूपल, निखिल समेत आयोजन समिति के अन्य सदस्यों का अहम योगदान रहा।
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