तरुण तोमर ने कहा कि पंडित रामप्रसाद बिस्मिल केवल क्रांतिकारी ही नहीं, संस्कृत, उर्दू और फारसी के प्रकांड पंडित भी थे। उनकी कविताएं और लेखनी आज भी देशभक्ति का अलख जगाती हैं। उन्होंने बताया कि बिस्मिल की प्रेरणा से ही चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह जैसे क्रांतिकारी देश की आज़ादी के लिए आगे आए।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है...” जैसी रचनाओं को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि उनका जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक है।
कार्यक्रम में नागेंद्र तोमर, कुलदीप तोमर, शशांक चौहान, नरेंद्र तोमर, मान सिंह तोमर और विशाल तोमर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। सभी ने बिस्मिल के आदर्शों को अपनाने और राष्ट्र सेवा में योगदान देने का संकल्प लिया।
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