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Thursday, July 10, 2025

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वैश्विक नवाचारों पर मंथन को एकजुट हुए शिक्षाविद

एमआईईटी में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ


मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) के एप्लाइड साइंस विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "समसामयिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की वैश्विक प्रभाव हेतु प्रवृत्तियाँ - 2025  का भव्य शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य विषय "विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आधुनिक रुझानों का वैश्विक प्रभाव" रहा।

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. बिस्वजीत सरकार (डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, योन्सेई यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया) तथा विशिष्ट अतिथि प्रो. बीर पाल सिंह (निदेशक अनुसंधान, सीसीएसयू, मेरठ) मौजूद रहे। चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ. एस.के. सिंह तथा कॉन्फ्रेंस चेयर व डीन डॉ. विनीत कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।

कॉन्फ्रेंस चेयर डॉ. विनीत कुमार ने बताया कि सम्मेलन में कुल 252 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें पहले दिन 45 शोध पत्रों पर विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत चर्चा की गई। शोध पत्रों में बेसिक साइंस, गणित, कृषि, जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी जैसे विविध विषयों को सम्मिलित किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर 28 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने अपने विचार रखे, और 250 से अधिक वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की।

अपने संबोधन में प्रो. बिस्वजीत सरकार ने इन्वेंट्री कंट्रोल मैनेजमेंट की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कुशल सामग्री प्रबंधन रणनीति से लागत में कमी लाकर लाभ को अधिकतम किया जा सकता है। आधुनिक डेटा विश्लेषण एवं पूर्वानुमान तकनीकों से स्टॉक का सही नियंत्रण संभव है, जिससे अनावश्यक जोखिम भी कम होता है।

प्रो. बीर पाल सिंह ने नैनोप्रौद्योगिकी के विविध अनुप्रयोगों पर विचार साझा करते हुए बताया कि यह तकनीक स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में नवाचार की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है। उन्होंने अनुसंधान में सहयोगात्मक दृष्टिकोण को समय की आवश्यकता बताया।

एमआईईटी के कैंपस निदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस सहित कई राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं, जहाँ शिक्षकों और छात्रों को शोध के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि एमआईईटी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्रों को उद्योग और इंडस्ट्री 4.0 की मांगों के अनुरूप तैयार करने हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर डॉ निधि चौधरी,डॉ. रमेश धीमन, डॉ. रुचि गर्ग, डॉ. सोनी यादव, डॉ. नेहा सक्सेना, डॉ. वसीउल्लाह, शिवम वर्मा, वासु पोपली व अमित सोनी सहित अन्य सहयोगियों का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन रुचि भटनागर एवं मेनका द्वारा किया गया।

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