यह पहल एमआईईटी इन्क्यूबेशन फोरम के इनक्यूबेटी ग्रीनकियारी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा, परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश, मेरठ आरटीओ और एमआईईटी इन्क्यूबेशन फोरम के सहयोग से चलाई जा रही है। कार्यक्रम में गिरीश थापा, सुशील चौहान, अनीकेत थापा, रहन अहमद (सीईओ, एमआईईटी इन्क्यूबेशन फोरम) और अशोक कुमार मौजूद रहे।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अनीता ने कहा की कार्बन मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत माना।
एचएचओ तकनीक के जरिए वाहनों के इंजन में जमा कार्बन को हटाकर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाई जाती है। इससे न केवल ईंधन की खपत में कमी आती है और इंजन की उम्र बढ़ती है, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण कार्बन उत्सर्जन में भी कमी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक गाड़ियों द्वारा कार्बन उत्सर्जन से होने वाले प्रदूषण के नियंत्रण में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।
एआरआई विंध्याचल कुमार गुप्ता ने कहा, “यह पहल आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यदि इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जाए तो हम प्रदूषण को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं।”
ग्रीनकियारी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस तकनीक का शुभारंभ मेरठ से किया गया है और जल्द ही इसे उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। उनका लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में लाखों वाहन इस तकनीक से लाभान्वित हों।
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