कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. प्रतीक शर्मा, प्रमुख (एकेडेमिया), एलएसएसएसडीसी, नई दिल्ली के स्वागत एवं सम्मान के साथ हुआ। इस अवसर पर एमआईईटी के वाइस चैयरमेन पुनीत अग्रवाल, निदेशक (प्लेसमेंट) आकांक्षा अग्रवाल, कैंपस निदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह, डीन अकादमिक्स डॉ. संजीव सिंह, प्राचार्य फार्मेसी एमआईईटी डॉ. विपिन कुमार गर्ग, प्राचार्य फार्मेसी एमआईटी डॉ. नीरज कांत शर्मा, प्रो. डॉ. आलोक शर्मा एवं गरिमा अग्रवाल उपस्थित रहे।
कार्यशाला के विशिष्ट वक्ताओं में गुरप्रीत सिंह (उपाध्यक्ष, आईक्यूविया, ब्रिटेन), पूनम कुमारी (फार्माकोविजिलेंस सलाहकार, क्लिनेक्सल, ब्रिटेन), डॉ. शिप्रा सहगल (फार्माकोविजिलेंस सलाहकार, क्लिनेक्सल, ब्रिटेन) तथा डॉ. तरुंजोत सिंह (निदेशक, साइनिओस हेल्थ, ब्रिटेन) सम्मिलित रहे।
तकनीकी सत्रों के दौरान गुरप्रीत सिंह ने “वैश्विक औषधि विकास: उभरते रुझान एवं चुनौतियां” विषय पर विचार रखे। डॉ. शिप्रा सहगल ने “फार्माकोविजिलेंस का विकास एवं व्यक्तिगत सुरक्षा रिपोर्ट” पर व्याख्यान दिया। पूनम कुमारी ने “एग्रीगेट सेफ्टी रिपोर्ट, जोखिम प्रबंधन एवं सिग्नल प्रबंधन” पर जानकारी साझा की, वहीं डॉ. तरुंजोत सिंह ने “फार्माकोविजिलेंस में तकनीक की भूमिका, नए अवसर एवं करियर संभावनाएं” विषय पर संबोधन किया।
समापन अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति-चिह्न भेंट किए गए। प्रतिभागियों ने सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताया। कार्यक्रम का समापन डॉ. आलोक शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन, सामूहिक छायाचित्र एवं राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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