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Friday, October 10, 2025

वेंक्टेश्वरा में "मेंटल हेल्थ अवेयरनेस वीक–2025" का भव्य समापन

आपदाओं एवं आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य थीम पर हुआ विविध कार्यक्रमों का आयोजन


मेरठ। वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय परिसर स्थित वेंक्टेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एवं मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल तथा वेंक्टेश्वरा स्कूल ऑफ नर्सिंग में आयोजित “मेंटल हेल्थ अवेयरनेस वीक–2025” (06 अक्टूबर–10 अक्टूबर) का शुक्रवार को भव्य समापन हुआ। एक सप्ताह तक चले इस कार्यक्रम में “आपदाओं एवं आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर केंद्रित सेमिनार, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता, जागरूकता रैली सहित एक दर्जन से अधिक गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

समापन समारोह का शुभारंभ प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. कृष्ण कान्त दवे, डीन मेडिकल डॉ. संजीव एच. भट्ट, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश मेहता, विभागाध्यक्ष मनोरोग डॉ. संदीप चौधरी तथा डाॅ. मंजरी राणा द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।

इस अवसर पर एमबीबीएस छात्र अनिकेत पंत की टीम ने गीत एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से “व्यक्तित्व विकास में मानसिक स्वास्थ्य” के महत्व को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। इसके पश्चात् प्रो. मनीष शर्मा (स्कूल ऑफ नर्सिंग) ने “आपदाओं एवं आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर व्याख्यान देते हुए समाज में सामूहिक प्रयासों एवं समुदाय आधारित पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में एमबीबीएस विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत समूह नृत्य ने वातावरण को सकारात्मकता और उत्साह से भर दिया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. कृति कंवर (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, मनोरोग विभाग) एवं डाॅ. श्रेया शर्मा (जूनियर रेजिडेंट, मनोरोग विभाग) ने किया।

वेंक्टेश्वरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरि ने कहा कि मनोरोगियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार, उचित काउंसलिंग तथा धैर्यपूर्ण उपचार से ही समाज में मानसिक स्वास्थ्य का स्तर सुधर सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के बिना स्वस्थ भारत की परिकल्पना अधूरी है।

प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के समग्र विकास की आधारशिला है, जबकि कुलपति प्रो. कृष्ण कान्त दवे ने बताया कि वेंक्टेश्वरा का साइकियाट्री विभाग विश्वस्तरीय विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों और काउंसलरों की विशेषज्ञता के बल पर “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के रूप में विकसित किया जाएगा।

डाॅ. संदीप चौधरी ने कहा कि आपदाओं एवं आपात स्थितियों में “टेलीमेडिसिन” और “टेलीकाउंसलिंग” मानसिक रोगों के उपचार में अत्यंत कारगर सिद्ध हो रही हैं।

कार्यक्रम के समापन पर डाॅ. मंजरी राणा ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विम्स अस्पताल का मनोरोग विभाग न केवल संस्थान परिसर में बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने सभी से मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और कलंक (Stigma) को समाप्त करने का आह्वान किया।

समापन समारोह के साथ ही विभिन्न कार्यशालाओं, संवाद सत्रों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनका उद्देश्य छात्रों, स्टाफ और समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता एवं जागरूकता बढ़ाना था।

इस अवसर पर डाॅ. मनीष शर्मा, डाॅ. मंजरी राणा, डाॅ. सहर्ष वाल्टर, डाॅ. चित्राजित सिंह जुनेजा, डाॅ. कृति कंवर, डाॅ. विवेक पाठक, डाॅ. स्नेहांगी, डाॅ. विदिशा, डाॅ. गजल, डाॅ. मयंक, डाॅ. बी.एस. त्यागी, डाॅ. प्रेरणा, डाॅ. श्रेया शर्मा सहित संस्थान के डाॅ. प्रताप सिंह (निदेशक) एवं विश्वास राणा (मीडिया प्रभारी) सहित अनेक संकाय सदस्य, छात्र और स्टाफ उपस्थित रहे।

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