न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी। शोभित विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एग्री इनफॉर्मेटिक्स एंड ई गवर्नेंस रिसर्च स्टडीज (सीएआरएस) द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने में कृषि सहकारी समितियों और ई-गवर्नेंस की भूमिका अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र एवं डॉ अशोक दलवाई (आईएएस) सीईओ एनआरएए एंड चेयरमैन एंपावर्ड कमिटी मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर भारत सरकार नई दिल्ली संरक्षक के रूप में उपस्थित रहे।
वेबीनार के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने नए उद्यमियों को इन्नोवेशन एवं कृषि के क्षेत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सहकारिता के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुनी करने में सहकारी समितियों एवं ई- गवर्नेंस की अहम भूमिका है। इसके अलावा उन्होंने मधुमक्खी पालन,पिगरी, डेयरी डेवलपमेंट आदि संबद्ध गतिविधियों पर जोर दिया।
वेबीनार के मुख्य वक्ता महामहिम डॉ मनोज नरदेवसिंह सेक्रेटरी जनरल अफ्रीकन-एशियन रूरल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि कोविड-19 ने हमारी आपूर्ति श्रंखला को बाधित कर दिया है। जिसके चलते लोगों के रोजगार चले गए हैं। यह वह समय है जहां सहकारी समितियां बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। और आने वाले साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने में अपना विशेष योगदान दे सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने सहकारिता ,कृषि और मत्स्य पालन इत्यादि मेंआने वाली चुनौतियां और कोविड-19 के बाद की चुनौतियों का सामना करने में आईसीटी और ई गवर्नेंस की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ अशोक दलवाई (आईएएस) सीईओ एनआरएए एंड चेयरमैन एंपावर्ड कमिटी मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर भारत सरकार ने कहा कि अगर हमें समानता लानी है तो हमें सहकारिता औरई-गवर्नेंस को एक साथ जोड़ना होगा। इसके अलावा उन्होंने उत्पादन के बाद सहकारी समितियों की विशेषता पर जोर दिया और सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक परिवर्तन और सद्भाव के निर्माण के लिए सहकारी समितियों को वाहनों के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
वेबीनार में बोलते हुए शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए पी गर्ग ने व्यावसायिक तरीके से कटाई के बाद की सुविधाओं, खाद्य प्रसंस्करण और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, प्रौद्योगिकी के प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसान को गुणवत्ता वाले उत्पाद के उत्पादन पर भी जोर दिया। जिससे किसान को बढ़ी हुई कीमत मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय वेबीनार मैं मॉडरेटर के रूप में प्रोफेसर एमेरिटस एंड चेयरमैन सीएआईआरएस शोभित विश्वविद्यालय एवं पूर्व डायरेक्टर जनरल एनआईसी प्रो एम.मोनी जी का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज विभाग के डीन प्रो डॉ विशाल विश्नोई ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र से जुड़े शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं ने फेसबुक एवं यूट्यूब के माध्यम से वेबीनार में मौजूद रहे।


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