मेरठ में घुली कश्मीरी पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू, युवाओं ने बनाए लजीज व्यंजन
मेरठ। एमआईईटी में चल रहे छह दिवसीय कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक गतिविधियां आयोजित की गईं। कार्यक्रम में कश्मीर के छह जिलों से आए 120 युवा और 12 टीम लीडर सहित कुल 132 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं के बीच राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
यह कार्यक्रम नेहरू युवा केंद्र, मेरठ द्वारा "वतन को जानो" थीम के तहत युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
दूसरे दिन की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ हुई, जिसे दीपक कुमार ने संपन्न किया। पहले सत्र में इतिहासकार डॉ. अमित पाठक ने युवाओं को 1857 की क्रांति के इतिहास और इसके महत्व पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत की आजादी की लड़ाई की नींव मेरठ से रखी गई थी। मेरठ ने भारतीयता की भावना को जागृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. पाठक ने बताया कि इस संग्राम में जाति, धर्म और वर्ग का कोई भेदभाव नहीं था, बल्कि सभी भारतीय एकजुट होकर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए।
दूसरे सत्र में मेरठ मंडल के सेवानिवृत्त पर्यटन अधिकारी सील वर्धन गुप्ता ने क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को मेरठ मंडल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व से परिचित कराया।
इसके बाद करियर मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें एमआईईटी के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर मोहन प्रसाद ने युवाओं को भविष्य में करियर विकल्पों और इसके लिए आवश्यक कौशल के बारे में बताया। उन्होंने युवाओं को वर्तमान दौर की तकनीकी और करियर ट्रेंड्स से अवगत कराया।
शाम को आयोजित फूड मेले में कश्मीरी युवाओं ने अपने पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन किया। मेले में बड़गाम से वेज कबाब और वेज यखनी, बारामूला से कश्मीरी सूजी हलवा, कुपवाड़ा से दूध कहावा, श्रीनगर से तोहसा, अनंतनाग से केसर कहवा और कश्मीरी यखनी, और पुलवामा से कश्मीरी फिरनी और केसर कहवा जैसे व्यंजन प्रस्तुत किए गए। इन पारंपरिक व्यंजनों ने मेले में उपस्थित सभी लोगों को कश्मीर की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध परंपरा से परिचित कराया। रात को आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कश्मीर से आए युवाओं ने कश्मीरी गानों पर नृत्य प्रस्तुत किया और अपने क्षेत्रीय गानों का गायन कर सभी को कश्मीरी संगीत की समृद्ध परंपरा से परिचित कराया।
इस दौरान जिला युवा अधिकारी यशवंत यादव, अकाउंटेंट नरेंद्र त्यागी, कैंपस निदेशक डॉ संजय कुमार सिंह,मीडिया हेड अजय चौधरी,अखिल,मनोज आदि मौजूद रहे।
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