भारत-रूस संबंधों को मजबूती: इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में ‘रूसी कक्ष’ का उद्घाटन
साहिबाबाद। भारत और रूस के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक सहयोग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नॉर्दर्न फोरम, रूसी हाउस और इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में ‘रूसी कक्ष’ (Russian Room) का भव्य उद्घाटन रहा।
इस ‘रूसी कक्ष’ की स्थापना का उद्देश्य भाषा कक्षाओं, ऐतिहासिक चर्चाओं और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाना है। यह पहल भारतीय और रूसी छात्रों को संवाद, आपसी समझ और मित्रता को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
‘गार्डन ऑफ फ्रेंडशिप’: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
अंतरराष्ट्रीय अभियान ‘सेव एंड प्रिजर्व’ के तहत, नॉर्दर्न फोरम रूस द्वारा ‘गार्डन ऑफ फ्रेंडशिप’ परियोजना की शुरुआत की गई। इस पहल के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में ताड़ के वृक्षों का रोपण किया गया। यह परियोजना सिर्फ वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आने वाली पीढ़ियों में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है।
इस अवसर पर, भारतीय एसोसिएशन ऑफ रशियन कम्पेट्रियट्स (IARC) की संस्थापक एवं अध्यक्ष एलेना बारमन ने कहा,
"पेड़ लगाना केवल पर्यावरण की रक्षा का कार्य नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।"
विशिष्ट अतिथियों की सहभागिता एवं विचार-विमर्श
इस कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण सत्र का संचालन दारियाना मक्सिमोवा, उप निदेशक, नॉर्दर्न फोरम ने किया। प्रमुख वक्ताओं में याना ओख्लोपकोवा, नॉर्दर्न यूथ फोरम की सदस्य एवं एम.के. अम्मोसोव नॉर्थ-ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग की वरिष्ठ व्याख्याता, तथा दारिया बुरनाशेवा, नॉर्दर्न यूथ फोरम की सदस्य एवं आर्कटिक स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चर एंड आर्ट की एसोसिएट प्रोफेसर, ने अपने विचार साझा किए।
भारत-रूस शैक्षिक सहयोग के विस्तार की प्रतिबद्धता
इस अवसर पर इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार, और वाइस प्रेसिडेंट (CSR) विभूति शंकर ने भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक, शैक्षिक और अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस पहल के माध्यम से इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज सहित पूरे भारत में रूसी भाषा, संस्कृति और शिक्षा के विस्तार पर बल दिया।
भारत-रूस शैक्षिक एवं सांस्कृतिक संबंधों में एक नया अध्याय
यह आयोजन भारत और रूस के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक सहयोग को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छात्रों के बीच संवाद, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यावरणीय पहल को प्रोत्साहित करके, यह दोनों देशों के बीच मजबूत और दीर्घकालिक साझेदारी की नींव रखेगा।
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