वरिष्ठ पत्रकारों और शिक्षाविदों ने युवाओं को भ्रामक सूचनाओं से सतर्क रहने की दी सलाह
मेरठ। श्री वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में “फेक न्यूज़ का समाज एवं साहित्य पर प्रभाव” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य समापन हुआ। यह आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज एवं स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के संयुक्त तत्वावधान में डॉ. सी.वी. रमन सभागार में संपन्न हुआ।
समापन समारोह में वेंकेटेश्वरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सुधीर गिरि, वरिष्ठ मीडिया सलाहकार एवं शिक्षाविद प्रो. (डॉ.) अनिल गोयल, वरिष्ठ पत्रकार एवं न्यूज एंकर नवजोत रंधावा, प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डॉ.) कृष्णकांत दवे एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी के समापन की औपचारिक घोषणा की।
अपने संबोधन में प्रो. (डॉ.) अनिल गोयल ने कहा कि “आज सोशल मीडिया ‘फेक न्यूज़’ का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है, जो सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए गंभीर चुनौती है। ऐसे समय में हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह किसी भी सूचना की सत्यता की पुष्टि किए बिना उसे आगे न बढ़ाए।” उन्होंने कहा कि पीआईबी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों से फेक न्यूज़ पर अंकुश तो लगा है, लेकिन आम जनता की जागरूकता और भागीदारी से ही इस पर पूर्ण विराम लग सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार नवजोत रंधावा ने कहा कि “फेक न्यूज़ और नकारात्मक सूचनाओं को न केवल अपने मोबाइल से, बल्कि दिलो-दिमाग से भी बाहर करना जरूरी है। समाज में सकारात्मक सोच और सूझबूझ के साथ ही राष्ट्रहित की रक्षा संभव है।”
इस अवसर पर प्रतिकुलाधिपति डॉ. राजीव त्यागी, कुलसचिव प्रो. (डॉ.) पीयूष पांडेय, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. दिनेश गौतम सहित कई शिक्षाविदों और विषय विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। सभी वक्ताओं ने फेक न्यूज़ के सामाजिक और साहित्यिक प्रभावों पर गंभीर चर्चा करते हुए युवाओं से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध सूचना को बिना पुष्टि के न फैलाएं।
संगोष्ठी में प्रो. (डॉ.) एना एरिक ब्राउन, प्रो. (डॉ.) मंजरी राणा, डॉ. स्नेहलता गोस्वामी, डॉ. राजवर्धन, डॉ. राहुल कुमार, डॉ. सतीश गुप्ता, डॉ. ओम प्रकाश गोसाई, डॉ. चंद्रकांत, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. श्रीराम गुप्ता सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र, शोधार्थी और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
समापन समारोह का संचालन डॉ. अनिल जायसवाल एवं डॉ. उमा मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगी टीम का आभार प्रकट किया।
यह संगोष्ठी न केवल फेक न्यूज़ के दुष्प्रभावों पर चेतना फैलाने का एक सार्थक प्रयास रही, बल्कि युवाओं को जागरूक बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम भी साबित हुई।
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