तान्या मोटर्स द्वारा बच्चा पार्क क्षेत्र में अवैध निर्माण, पर्यावरणीय प्रदूषण और न्यायालयीय आदेशों की अनदेखी पर अधिवक्ता ने की मुख्यमंत्री से शिकायत
मेरठ। शहर के प्रतिष्ठित बच्चा पार्क चौराहा क्षेत्र में तान्या मोटर्स द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। मेरठ निवासी अधिवक्ता राम कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री को एक विस्तृत पत्र भेजकर इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि तान्या मोटर्स के स्वामी हर्ष गर्ग और विवेक गर्ग ने दो आवासीय और एक व्यावसायिक भूखंड को जोड़कर बिना स्वीकृति एक वृहद व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया है।शिकायत के अनुसार यह निर्माण कार्य शासनादेशों, पर्यावरणीय मानकों और उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों की खुली अवहेलना है। अधिवक्ता का आरोप है कि न केवल प्रार्थी, बल्कि आसपास के कई निवासियों की निजी भूमि (सेटबैक) पर भी अतिक्रमण किया गया है, जिससे उनके भवनों की रोशनी, वेंटिलेशन और नींव को नुकसान पहुंच रहा है।
प्रदूषण और खतरा
शिकायत में यह भी कहा गया है कि अवैध रूप से चलाए जा रहे वर्कशॉप और धुलाई केंद्र से निकलने वाला रसायनयुक्त पानी सीधे आसपास की इमारतों की नींव में समा रहा है, जिससे संरचनात्मक क्षति हो रही है। यह न केवल निजी संपत्तियों के लिए खतरा है, बल्कि क्षेत्र में पर्यावरणीय असंतुलन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न कर रहा है।
न्यायालयों के आदेशों की अनदेखी
अधिवक्ता ने प्रयागराज उच्च न्यायालय द्वारा Writ No. 5761/2024 – Rajesh Kumar vs. State of U.P. में पारित आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि न्यायालय ने ऐसे निर्माणों को अवैध करार दिया है और संबंधित प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक निर्णयों में भी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर गंभीर आरोप
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यह निर्माण एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के संरक्षण में हो रहा है, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। अधिवक्ता ने मांग की है कि प्रकरण की उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच कराई जाए, अवैध निर्माण तत्काल प्रभाव से ध्वस्त हो, दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को विधिक व आर्थिक संरक्षण दिया जाए।
संलग्न प्रमाणों में शामिल हैं
शिकायत के साथ उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के आदेशों की प्रति, शासनादेश, फोटोग्राफ्स एवं पूर्व शिकायतों का दस्तावेजी प्रमाण भी संलग्न किया गया है।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता राम कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री से शीघ्र हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि कानून व्यवस्था, पर्यावरणीय संतुलन और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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