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Tuesday, September 17, 2019

कुलाधिपति व राज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ कृषि विश्वविद्यालय का 12 वां दीक्षांत समारोह



  • राज्यपाल ने छः को दिये कुलपति मेडल व 285 को डिग्रियां
  • कृषि प्रौद्योगिकी एवं तकनीक में और कार्य करने की आवश्यकता-कुलाधिपति
  • फसल अवशेष से खाद बनाने की प्रक्रिया पर कार्य करें कृषि वैज्ञानिक- आनंदीबेन पटेल
  • स्वच्छ-स्वस्थ व प्लास्टिक व टीवी मुक्त भारत के लिए मिलकर कार्य करें- राज्यपाल
  • टीवी से प्रभावित बच्चों को गोद लेकर उनकी देखभाल करें अधिकारी व स्वयंसेवी संगठन-राज्यपाल
  • कृषि में रसायनों पर निर्भरता कम हो ऐसी प्रजाति व तकनीक विकसित करें कृषि वैज्ञानिक-आनंदीबेन पटेल
  • कृषकों को उत्पाद बेचने के लिए मिले मार्केट होने अच्छा मुनाफा- राज्यपाल




न्यूज़ यूपी 24X7 |मेरठ| वर्ष 2000 में सरदार पटेल के नाम से स्थापित सरदार सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का 12 वां दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी व तकनीक और अनुसंधान पर कार्य करने की आवश्यकता है जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल,े उन्होंने स्वच्छ भारत, टीवी मुक्त भारत, प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए व महिला सशक्तिकरण पर मिलकर कार्य करने के लिए कहा। इस अवसर पर उन्होंने छह विद्यार्थियों को कुलपति मेडल व 285 को डिग्रियां प्रदान की। उपाधि प्राप्त कर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वह प्रतिज्ञा करते हैं कि वह आजीवन इस उपाधि के योग्य सिद्ध हों।



विश्वविद्यालय के गांधी हॉल में दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति व राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने ग्रामीण क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत 12 छात्र व 12 छात्राओं को एक-एक किट प्रदान की जिसमें एक पुस्तक, खास सामग्री व अन्य चीजें दी गई। राज्यपाल ने कहा कि वह मंगल पांडे की इस भूमि पर आकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हैं उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के दिन वर्ष 2000 में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के नाम से गठित इस विश्वविद्यालय को अपार सफलताएं मिले ऐसी वह कामना करती  है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां कृषि एक महत्वपूर्ण फसल है उन्होंने कहा कि फसल के अवशेष खेतों पर ना जले इसलिए कृषि  वैज्ञानिक फसल अवशेष से खाद बनाने की प्रक्रिया पर अनुसंधान करें ।


उन्होंने कहा कि खाद्यान्न में शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है इसलिए हमें उसी के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से कृषि उत्पाद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक ऐसी प्रजाति फसलों की विकसित करें जिसमें रसायनों की कम से कम आप निर्भरता हो तथा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए उन्होंने कहा कि किसानों को उत्पाद बेचने के लिए बाजार उपलब्ध हो इसके प्रयास किए जाने चाहिए ताकि बिचैलियों को मुनाफा ना हो और सीधे मुनाफा किसानों को हो इससे वह आर्थिक रूप से संपन्न होंगे।



उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर कार्य करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि महिलाएं आज पुरुषों के समतुल्य हैं तथा हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं उन्होंने कहा कि स्वच्छ व स्वस्थ भारत का सपना माननीय प्रधानमंत्री ने देखा है इसलिए हमें सब को आगे आकर इस पर कार्य करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य पर विशेष बल देते हुए उसके सभी तत्वों की जानकारी व परिक्षण आवश्यक है । उन्होंने कहा कि जल संरक्षण पर आज विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे सभी को स्वच्छ पानी पीने का मिल सके उन्होंने कहा हमें उतना ही पानी व भोजन एक बार में लेना चाहिए जितना हम ग्रहण कर सकते हैं तथा हमें पानी व भोजन को बर्बाद नहीं करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि किसी भी बदलाव के लिए शुरुआत स्वयं से करनी होती है तभी हम दूसरों से वह कार्य करने के लिए कहने के हकदार होते हैं इसलिए हमें प्लास्टिक मुक्त भारत टीवी मुक्त भारत बनाने के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे ।उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए तथा यह संकल्प करना चाहिए कि वह पॉलिथीन का बैग नहीं खरीदेंगे तथा उसका उपयोग भी नहीं करेंगे े तभी इस अभियान को सफलता तक पहुंचाया जा सकता है उन्होंने कहा कि विश्व में 2030 तक टीवी मुक्त विश्व बनाने का संकल्प लिया है तथा माननीय प्रधानमंत्री ने 2025 तक भारत को टीवी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है इसलिए हम सभी को टीवी से प्रभावित बच्चों को गोद लेकर उनका खान-पान पर ध्यान देना उनकी व उनके परिवार की काउंसलिंग करना आदि कार्य करने चाहिए ने बताया कि उनके कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत राजभवन ने 25 बच्चों को जो कि टीबी रोग से पीड़ित थे को गोद लिया है ताकि उनके खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा सके। 
उन्होंने कहा कि आज इस दीक्षांत समारोह में स्कूली बच्चों को इसलिए बुलाया है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे ग्राम के बाहर की दुनिया नहीं देख पाते हैं यहां आकर वह विश्वविद्यालय को देखेंगे तथा दीक्षांत समारोह में मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से प्रेरणा लेंगे तभी वह आगे बढ़ कर अपने सपनों को साकार कर सकेंगे उन्होंने कहा कि 1946 में गुजरात में अमूल डेयरी की स्थापना की गई थी तब मात्र 250 लीटर दूध से शुरुआत की गई थी आज वर्तमान में 180 लाख लीटर दूध का संग्रहण अमूल डेयरी में किया जाता है तथा उसका वर्तमान टर्नओवर करीब 35000 करोड रुपए से ज्यादा का है तथा वह 26 लाख से ज्यादा  किसानों से जुड़े हैं तथा 20 देशों में अपने उत्पाद एक्सपोर्ट करते हैं उन्होंने कहा कि कुपोषण मुक्ति के लिए उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री काल में दूध के पाउडर चीनी व मूंगफली के दानों को मिलाकर एक पेस्ट अमूल डेयरी से बनवाया जिसका नाम बाल अमृतम रखा गया इसको नित्य बच्चों को देने से उनका कुपोषण धीरे-धीरे दूर हो गया। 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कुलाधिपति रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के डॉक्टर पंजाब सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का आईसीएआर द्वारा ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 15वीं रैंक प्राप्त करना हर्ष का विषय है इसके लिए वह विश्वविद्यालय के अधिकारियों को बधाई देते हैं उन्होंने कहा कि  कृषि विश्व का सबसे बड़ा नियोक्ता है वह विश्व की लगभग 49प्रतिषत आबादी को आजीविका प्रदान करता है विकासशील देश विश्व का 80प्रतिषत भोजन उत्पादित करते हैं भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था व्यवस्थाओं में से एक है जिसने इस वर्ष 281.37 मिलियन टन खदान 314.87 मिलियन टन बागवानी उत्पादन 167.34 मिलियन टन दूध, 12.60 मिलीयन टन मत्स्य उत्पादन किया ह।ै उन्होंने कहा कि वर्तमान में आहार का तरीका कम कीमत वाले कैलोरी भोजन से उच्च मूल्य वाले कैलोरी भोजन की ओर स्थानांतरित हो रहा है। 
उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के साथ-साथ ज्ञान भी एक महत्वपूर्ण कारक है इसलिए भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखकर ज्ञान उत्पन्न करने की व्यवस्था उसका निष्पादन एवं जरूरतों के अनुसार प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है उन्होंने बताया कि प्रदेश में 68 कृषि विज्ञान केंद्रध् केवीके स्थापित किए गए हैं एवं 20 नए केवीके स्थापित किए जा रहे हैं उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय में गन्ना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना से क्षेत्र में गन्ने की फसल के विकास में और अधिक इजाफा होगा एवं किसानों को अधिक आय भी प्राप्त हो सकेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार मित्तल ने कहा कि विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र मेरठ सहारनपुर मुरादाबाद एवं बरेली चार मंडलों में फैला हुआ है व इसके अधीन कुल 18 जनपद आते हैं उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के समय कुल 11 विद्यालय महाविद्यालय चलाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उन्होंने बताया कि कुलपति मेडल प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं में बीएसई एग्रीकल्चर के क्षितिज सक्सेना को स्वर्ण, श्रीपति द्विवेदी को रजत व ऋतिका सिंह को कांस्य पदक व बीटेक बायोटक्नालाजी में पदक पाने वालों में निमिसा षर्मा को स्वर्ण पदक, अपर्णा गोस्वामी को रजत व सुप्रिया षुक्ला को कांस्य पदक मिला।  
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आज 285 छात्र छात्राओं को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधियां प्रदान की गई। इसमें कृषि संकाय में कुल 101 स्नातकों को उपाधियां प्रदान की गई जिसमें 97 छात्र व चार छात्राएं हैं जय प्रौद्योगिकी में 65 स्नातकों को उपाधियां प्रदान की गई,जिसमें 48 छात्र व 17 छात्राएं हैं स्नातकोत्तर स्तर पर 74 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में एमएससी एग्रीकल्चर, 10 विद्यार्थियों को एम टेक बायोटेक्नोलॉजीध् एमएससी बायोटेक्नोलॉजी एवं 35 छात्राओं को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गई स्नातकोत्तर स्तर पर उपाधि प्राप्त कर्ताओं में 90 छात्र एवं 29 छात्राएं ह,ैं शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए कृषि महाविद्यालय एवं जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के 06 छात्र एवं छात्राओं को कुलपति रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश स्तर पर अग्रणी जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला संचालित की जा रही है। बताया कि विश्वविद्यालय में संचालित जीकेएमएस परियोजना के अंतर्गत लगभग 25 लाख कृषकों को मौसम पूर्वानुमान की जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है जिससे कृषक अपनी कृषि संबंधित गतिविधियों को निर्धारित कर सकें। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कृषि विश्वविद्यालय की श्रेष्ठता सूची में इस विद्यालय में 15 स्थान प्राप्त किया है उन्हें कहा कि विश्वविद्यालय की पहचान वैश्विक स्तर पर भी है।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों हेतु ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा छात्र समूह बीमा योजना के अंतर्गत प्रत्येक छात्र-छात्रा का रुपए 5 लाख का दुर्घटना बीमा कराया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर बासमती धान की 5 प्रजातियां विमोचित की गई हैं इसी प्रकार उद्यान विभाग विज्ञान द्वारा शाक सब्जी एवं मसालों की 10 प्रजातियां विकसित की गई हैं तारामीरा सरसों की दो प्रजातियां भी विमोचित की जा चुकी हैं उन्होंने बताया कि शोध निदेशालय के अंतर्गत कुल 2085.09 लाख रुपये की धनराशि से 28 योजनाएं चल रही हैं एवं 17 नई परियोजनाओं को वाह्य वित्त पोषण के लिए भेजा गया है 
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत गीत व राष्ट्रगान राष्ट्रगीत हुआ तथा अंत में राष्ट्रगान हुआ। इस अवसर पर माननीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल माननीय सांसद कांता कर्दम विधायक सत्यवीर त्यागी आयुक्त अनीता सी मेश्राम जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा जिला अध्यक्ष भाजपा रविंद्र राणा मेयर सुनीता वर्मा सभी संकायो के डीन छात्र छात्राएं गणमान्य लोग आदि उपस्थित रहे।

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