सेमीकंडक्टर मिशन और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के भविष्य पर उद्योग विशेषज्ञों ने साझा किए विचार
मेरठ। एमआईईटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की ओर से “इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग कॉन्क्लेव” का सफल आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत के उभरते सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को सशक्त बनाने तथा शिक्षा और उद्योग जगत के बीच सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम साबित हुआ।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और शोधार्थियों को भारत के सेमीकंडक्टर मिशन, चिप डिजाइन, फैब्रिकेशन, मानव संसाधन विकास और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में उभरते अवसरों की गहन जानकारी प्रदान करना था। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित उद्योग विशेषज्ञों और कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और छात्रों को प्रेरित किया।
कार्यक्रम में एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के हेड (गवर्नमेंट बिजनेस एंड एंगेजमेंट्स) अजेेश कपूर, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया के ऑफिसिएटिंग हेड सलीम अहमद, सीपी प्लस के प्रेसिडेंट (स्ट्रेटेजिक बिजनेस) एम. ए. जोहर, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया लिमिटेड की हेड ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेज नेधे महाजन, तथा फाइटेक एम्बेडेड प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ऑफ बिजनेस स्ट्रेटेजीज अरुण कुमार सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कॉन्क्लेव का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं स्वागत संबोधन से हुआ। वक्ताओं ने भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण की संभावनाओं, कौशल विकास की चुनौतियों और मेक इन इंडिया पहल के तहत बढ़ते अवसरों पर विचार साझा किए। सभी विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि देश के युवाओं में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और डिजाइन की समझ बढ़ाकर भारत को वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर शक्ति बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर एमआईईटी के निदेशक प्रो.डॉ संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों को उद्योग की व्यावहारिक समझ मिलती है और रोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं। उन्होंने ईसीई विभाग की टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
कॉन्क्लेव में कॉलेज के डीन, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी मेंबर्स और विभिन्न शाखाओं के सैकड़ों छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर सत्र और नेटवर्किंग इंटरैक्शन के माध्यम से छात्रों ने विशेषज्ञों से अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी विशिष्ट अतिथियों, शिक्षकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। आयोजन समिति ने इसे एमआईईटी के लिए एक “मील का पत्थर” बताया, जिसने शिक्षा और उद्योग के बीच संवाद का नया अध्याय खोला है।
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