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Thursday, September 3, 2020

एमआईईटी में आयोजित फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में जुटे शिक्षाविद


  •  एमआईईटी में आयोजित फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में जुटे शिक्षाविद




न्यूज़ यूपी 24x7|मेरठ| संपादक अजय चौधरी।   मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग और इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली के सहयोग से एमआईईटी में तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। जिसका विषय "भविष्य के शैक्षणिक कैरियर का निर्माण" रहा। फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्देश्य भविष्य के प्रयासों के प्रति शोधकर्ताओं को मार्गदर्शन करना था। 

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ प्रतापसिंह के. देसाई, सम्मानित अतिथि डॉ वी. एस सपकाल, एमआईईटी ग्रुप के चेयरमैन विष्णु शरण अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण पर्वते ने किया। 

एमआईईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली के महत्व और योगदान पर प्रकाश डाला और आधुनिक दिन की चुनौतियों और शिक्षा प्रणाली का सामना करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण फैकल्टी के क्षमता निर्माण को बढ़ाने के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रयासों की भी सराहना की। 

इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ प्रतापसिंह के. देसाई ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों पर फैकल्टी सदस्यों को संबोधित किया और शिक्षकों को तीन दिन की एफडीपी में भाग लेकर सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा परियोजनाओं और प्रामाणिक प्रकाशनों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में फैकल्टी और अनुसंधान विद्वानों को प्रोत्साहित किया। 

दोपहर के सत्र की अध्यक्षता डॉ वी. एस सपकाल, पूर्व कुलपति, आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय, नागपुर ने की। प्रतिभागियों को नई शिक्षा नीति के महत्व के बारे में बताया और उनके शोध कार्य के समर्थन के रूप में शोध पद्धति की गतिशीलता के महत्व के बारे में बताया ।उन्होंने कहा की राष्ट्रीय शैक्षिक नीति एक भारत-केंद्रित शिक्षा प्रणाली का उत्सर्जन करती है जो सभी को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करके राष्ट्रीय रूप से एक न्यायसंगत और जीवंत ज्ञान समाज में बदलने में सीधे योगदान देती है।

इस दौरान 400 से अधिक फैकल्टी, वैज्ञानिकों, अनुसंधान विद्वानों, भारत के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थानों और विदेशों से भी उद्योग के लोगों ने भाग लिया। 

इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण पर्वते, कोऑर्डिनेटर शुभम चौरसिया, अनुप्रेक्षा चौधरी, डॉ आलोक गोयल, विश्वास गौतम और अजय चौधरी  मौजूद रहे।



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