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Sunday, January 5, 2020

जनपद में कुष्ठ रोगियों की संख्या में आयी कमी



  • 90  मरीजों का वर्तमान में चल रहा इलाज
  •  अब तक 139 मरीज किये जा चुके हैं रोग मुक्त

न्यूज़ यूपी 24X7 | बुलंदशहर। स्वास्थ्य विभाग कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) को लेकर गंभीर है। विभाग द्वारा इस रोग को लेकर लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, वहीं रोगियों को इलाज व दवा मुफ्त मुहैया करायी जा रही  है। जनपद बुलन्दशहर में पिछले  वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रोगियों की संख्या में कमी आयी है। पूरे जनपद में वर्तमान में 97 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि अब तक विभाग की ओर से किये गये इलाज से मरीज 139 रोग मुक्त हो चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. केएन तिवारी ने बताया- विभाग द्वारा कुष्ठ रोगियों का मुफ्त में इलाज कराया जाता है। इसके अलावा कुष्ठ के कारण पूर्ण विकलांगता पर प्रतिमाह 2500 रुपये दिये जाते हैं।
नोडल अधिकारी डा. पीपी सिंह ने बताया पूरे जनपद में वर्ष 2019-20 में (अप्रैल से दिसम्बर तक) 97 कुष्ठ रोगियों की पहचान हुई है।  इसमें पीबी (पॉसीबैसीलरी) के 36 मरीज हैं। एमबी (मल्टीबैसीलरी) के 54 मरीज हैं, वर्ष 2018-19 में 234 मरीज थे। इनमें पीबी के 137 मरीज और एमबी के 97 हैं। उन्होंने बताया इलाज से अब तक 184  कुष्ठ रोगियों को रोग मुक्त कराया जा चुका है। 90 मरीजों का इलाज चल रहा है। वर्ष 2019-20 में कोई मरीज विकलांगता की चपेट में आये, जबकि गत वर्ष 2018-19 में 9 लोग विकलांग हुए थे। आंकड़ों के हिसाब से गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मरीजों की संख्या में कमी आयी है। ऐसा विभाग के प्रयास और लोगों में जागरूकता के चलते हुआ है ।

मरीजों के परिजनों को भी दी जाती है दवा
डा. पीपी सिंह ने बताया कुष्ठ रोग माइकोबैक्टेरियम लेप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जीवाणुओं (बैक्टीरिया) के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है। कुष्ठ रोग मुख्यत: ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्मा  और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा संबंधी बीमारी है। त्वचा पर दाग-घाव इसके प्राथमिक लक्षण हैं। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह रोग बढ़ सकता है। त्वचा, नसों, हाथ पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है। यह रोग जीवाणुओं के कारण होता है इसलिए परिजनों में भी इसके फैलने का डर रहता है।  इस लिए विभाग कुष्ठ रोगियों के परिवार में किसी और को यह रोग न हो, इसलिए उन्हें बचाव के तौर पर  दवा दी जाती है।

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