न्यूज़ यूपी 24x7।मेरठ। परतापुर बाईपास स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेरठ में पांच दिवसीय ऑनलाइन गूगल मीट द्वारा फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसका विषय भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का भविष्य रहा।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के मुख्य वक्ता कुलदीप डागर ने शिक्षकों एवं इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के भविष्य में उभरते हुए क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारी दी। कुलदीप डागर मशीन लर्निंग एंड डेटा साइंस के प्रैक्टिशनर हैं। उन्हें जेपी मॉर्गन चेज़, नोकिया सीमेंस नेटवर्क लिमिटेड और भारतीय नौसेना और डीआरडीओ जैसे सरकारी संगठनों में काम करने का व्यापक अनुभव है। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान दिल्ली जैसे प्रमुख संस्थानों से अपनी शिक्षा पूरी की है।
भारत में भी रोबोटिक्स, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड टेक्नोलॉजी, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग सहित तमाम तकनीकी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक का बोलबोला लगातार बढ़ रहा है। नीति आयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा देश में व्यवसाय करने के तरीके को बदलने जा रही है। विशेष रूप से जन कल्याण के क्षेत्रों में इसका उपयोग किया जायेगा।
स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर बनाने, नागरिकों के लिये बेहतर शासन प्रणाली लाने और आर्थिक उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी भविष्य की ओर ले जाने वाली तकनीकों का उपयोग अब अपने देश में भी किया जायेगा।
इस दौरान देशभर से 15 सौ से अधिक शिक्षकों एवं कंपनी के एक्सपर्ट्स ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में भाग लिया। फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ आलोक चौहान, डॉ सूरज मलिक, केएन त्रिपाठी,विश्वास गौतम और आयुष सिंघल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।


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