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Monday, May 24, 2021

महामारी पर राहत भरा दावा:एम्स के डायरेक्टर बोले- कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर गंभीर असर पड़ने के संकेत नहीं, लोग डरना बंद करें


  • महामारी पर राहत भरा दावा
  • :एम्स के डायरेक्टर बोले- कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर गंभीर असर पड़ने के संकेत नहीं, लोग डरना बंद करें




न्यूज़ यूपी 24x7 | संपादक अजय चौधरी | 

कमजोर हो रही कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक और राहत भरी खबर है। सरकार के मुताबिक, अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं है कि कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर गंभीर असर होगा। अब तक कहा जा रहा था कि इससे बच्चे ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

सोमवार को देश में कोरोना की स्थिति पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देखा कि बच्चों में संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इसलिए अब तक ऐसा नहीं लगता है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण देखा जाएगा। कहा जा रहा है कि बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे, लेकिन पेडियाट्रिक्स एसोसिएशन ने कहा है कि यह फैक्ट पर आधारित नहीं है। इसका असर बच्चों पर न पड़े इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए।

2 हफ्ते में 10 लाख एक्टिव केस कम हुए
उधर, देश में पिछले 22 दिन से लगातार कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रिकवरी रेट भी लगातार बढ़ रहा है। 3 मई को देश में रिकवरी रेट 81.7% था। अब यह 88.7% है। जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि 2 हफ्ते में 10 लाख एक्टिव केस कम हुए हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 2.22 लाख केस दर्ज किए गए हैं। 40 दिन में यह नए केस की सबसे कम संख्या हैं। जिला स्तर पर भी कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कुल 14.56 करोड़ (पहली और दूसरी खुराक) टीके लगाए गए हैं। 18 और 44 साल के 1.06 करोड़ लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है।

ब्लैक फंगस और कोरोना का एक साथ इलाज करना चुनौती
ब्लैक फंगस पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के साथ ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। ब्लैक फंगस का ट्रीटमेंट लंबे समय तक चलता है। कई दफा सर्जरी भी करनी पड़ती है। कई लोग कोरोना पॉजिटिव भी होते हैं। ट्रीटमेंट के दौरान उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। ऐसे में हॉस्पिटल के सामने चुनौती है कि ऐसे मरीजों के लिए दो वार्ड बनाने पड़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के कुछ ऐसे लक्षण हैं जैसे सिर दर्द, नाक बंद हो जाना, नाक से खून आना। अगर किसी में ये लक्षण हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लोगों में बहुत तनाव है। हर किसी के जानने वाले को कोरोना हुआ है। इसलिए जरूरी है कि सभी एक-दूसरे की मदद करें।

फंगस की रंग के बजाय नाम से पहचान करना बेहतर
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस का संक्रमण बहुत कम ही उन लोगों में देखा गया है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है और जिन्हें स्टेरॉयड नहीं दिया गया है। ब्लैक फंगस बहुत आम है। हम तीसरे फंगल संक्रमण एस्ट्रैगलस के मामलों को भी देख रहे हैं। इसकी पहचान रंग की बजाय नाम से करना ज्यादा बेहतर है। फंगस का रंग शरीर के अलग-अलग हिस्सों में डेवलप होने की वजह से अलग हो सकता है। यह संक्रामक नहीं है।

इसके कुछ लक्षण हैं जो कोरोना के बाद देखे जाते हैं। यदि लक्षण 4-12 सप्ताह तक देखे जाते हैं, तो इसे ऑन गोइंग सिम्प्टोमेटिक या पोस्ट-एक्यूट कोविड सिंड्रोम कहा जाता है। यदि लक्षण 12 सप्ताह से ज्यादा समय तक दिखाई देते हैं, तो इसे पोस्ट-कोविड सिंड्रोम कहा जाता है।

देश में कोरोना से 3 लाख से ज्यादा मौतें
देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी होने लगी है। देश में रविवार को 2 लाख 22 हजार 704 लोग पॉजिटिव पाए गए। इससे पहले इतने कम केस 15 अप्रैल को आए थे। तब 2.16 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। वहीं, पिछले 24 घंटे में 4,452 संक्रमितों की जान गई है। राहत की बात ये रही कि 3 लाख 2 हजार 83 लोगों ने संक्रमण को मात भी दी।

उधर, देश में कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 3 लाख के पार पहुंच गया है। पिछले साल 13 मार्च को संक्रमण से पहली मौत हुई थी। इसके 14 महीने 10 दिन बाद मौतों की संख्या 3 लाख हुई है। अब तक कुल 3 लाख 3 हजार 751 लोग इस महामारी से जान गंवा चुके हैं।

मौत का आंकड़ा थम नहीं रहा
देश में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद भी मरने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। मई में हर रोज औसतन 3,500 मौतें हुई हैं। ये पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। दुनिया में भारत के अलावा सिर्फ दो अन्य देशों में कोरोना से 3 लाख से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा है। इनमें अमेरिका पहले और ब्राजील दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में संक्रमण से 6 लाख और 4.48 लाख मौतें हुई हैं।

एक लाख मौतें एक महीने से भी कम समय में
देश में कोरोना से मौतों की संख्या एक लाख तक पहुंचने में करीब साढ़े 6 महीने लगे थे। एक से दो लाख होने में 7 महीने से कुछ कम वक्त लगा। वहीं 2 से 3 लाख मौतें एक महीने से भी कम समय में हो गईं।

देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में

बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 2.22 लाख
बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 3.02 लाख
बीते 24 घंटे में कुल मौतें: 4,452
अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.67 करोड़
अब तक ठीक हुए: 2.37 करोड़
अब तक कुल मौतें: 3.03 लाख
अभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 27.16 लाख

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