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Saturday, December 7, 2024

एमआईईटी में राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन, औषधीय पौधों पर शोध और नवाचार पर जोर

हर्बल मेडिसिन और बॉटनिकल्स के क्षेत्र में अपार संभावनाएं: डॉ. महेश कुमार दाधीच

मेरठ। एमआईईटी (मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी) में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सोमवार को समापन हुआ। समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. महेश कुमार दाधीच (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड) और विशिष्ट अतिथि विभु साहनी (हेड, फार्मेसी विभाग, लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज, मेरठ) उपस्थित रहे।

शोधार्थियों और प्रतिभागियों की बड़ी भागीदारी

सम्मेलन के संयोजक डॉ. आलोक शर्मा ने बताया कि इस आयोजन में 400 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। देश के विभिन्न हिस्सों से आए शोधार्थियों ने लगभग 175 शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिन्हें इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च द्वारा प्रकाशित किया गया।

भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता पर जोर

प्रो. डॉ. महेश कुमार दाधीच ने हर्बल मेडिसिन और बॉटनिकल्स के क्षेत्र में भारत की वैश्विक नेतृत्व की क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र नवाचार और अनुसंधान के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं में अहम योगदान दे सकता है। उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस क्षेत्र में नवाचार और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।



दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण: तकनीकी सत्र

सम्मेलन के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा की।

  • नियामक प्रगति पर चर्चा:
    डॉ. विकास (हेड रेगुलेटरी, अनुसंधान एवं विकास) ने आयुर्वेद और बॉटनिकल अनुसंधान में गुणवत्ता मानकों और वैश्विक अनुपालन के महत्व पर प्रकाश डाला।

  • फूड इंजीनियरिंग में नवाचार:
    डॉ. विन्कल कुमार अरोड़ा (एसोसिएट प्रोफेसर, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान) ने स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पादों में हर्बल और बॉटनिकल घटकों के समावेश पर जोर दिया।

  • सरकारी फंडिंग के अवसर:
    डॉ. कविता त्यागी (वरिष्ठ सलाहकार, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड) ने सरकारी फंडिंग के अवसरों और इनके माध्यम से भारतीय समुदायों को सशक्त बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की।

  • उद्योग-अकादमिक साझेदारी:
    अंकित (जीवन विज्ञान क्षेत्र कौशल विकास परिषद) ने हर्बल मेडिसिन निर्माण और नवाचार में उद्योग और अकादमिक साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

  • फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी में अवसर:
    डॉ. विनीता जिंदल (मैनेजर, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद) ने फार्मा और बायोटेक्नोलॉजी में हर्बल और बॉटनिकल उत्पादों के बढ़ते अवसरों पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान

सम्मेलन के आयोजन में डॉ. आलोक शर्मा, डॉ. अनुराग, डीन डॉ. संजीव सिंह, प्रिंसिपल फार्मेसी डॉ. विपिन कुमार गर्ग, डॉ. अविनाश सिंह, डॉ. नीरज कांत शर्मा और अजय चौधरी का विशेष योगदान रहा।

नवाचार और अनुसंधान को मिला बढ़ावा

इस सम्मेलन ने हर्बल मेडिसिन और बॉटनिकल अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। साथ ही, यह आयोजन अकादमिक और उद्योग जगत के बीच संवाद को मजबूत करने में सहायक साबित हुआ। आयोजकों ने इसे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम खोलने की दिशा में एक अहम कदम बताया।

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